
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, नई दिल्ली : आज भारतीय रेल 21वीं सदी में आधुनिकता और बदलाव के दौर से गुजर रही है ! इस दौर में आरपीएफ रेलवे संपत्ति के साथ-साथ रेल यात्री और यात्री सामान की सुरक्षा और संरक्षा के दायित्व को ईमानदारी व जिम्मेदारी के साथ निभा रही है ! बदलाव और आधुनिकता के दौर से गुजर रही भारतीय रेल में भिन्न-भिन्न प्रकार के अपराधों व परिस्थितियों से जुड़ी विभिन्न चुनौतियां भी सामने आ रही है ! आरपीएफ द्वारा ऐसी सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार के ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं, जिनमें से ऑपरेशन “नन्हे फरिश्ते” सबसे अधिक महत्वपूर्ण ऑपरेशन में से एक है !
उत्तर रेलवे के मुख्य जन संपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि आरपीएफ द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते के तहत रेलवे परिसर और ट्रेनों में संकटग्रस्त या संदिग्ध परिस्थितियों में पाए जाने वाले बच्चों को बचाया जाता है ! ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते का मुख्य उद्देश्य बच्चों की सक्रिय रूप से पहचान करना और उन्हें बाल श्रम तस्करी या अन्य प्रकार के शोषण से बचाना है ! जब आरपीएफ बल सदस्य किसी बच्चे को ऐसी परिस्थितियों से बचाते हैं, तो उसे जिला बाल कल्याण समिति या इस क्षेत्र में कार्य कर रहे एनजीओ को सौंप दिया जाता है, जो बच्चे को उसके माता-पिता को सौंप देते हैं !
आरपीएफ, दिल्ली मंडल द्वारा 30 आरपीएफ पोस्टों पर 30 ए.एच.टी.यू. (एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट) का गठन किया गया है, आरपीएफ, दिल्ली मंडल द्वारा वर्ष 2021 से जून 2025 तक संकटग्रस्त या संदिग्ध परिस्थितियों में पाए जाने वाले 5200 नाबालिग़ बच्चों को बचाया गया है ! बचाए गए बच्चों में ऐसे बच्चे शामिल है जो घर से भाग गए थे, लापता हो गए थे, बिछड़ गए थे या बाल श्रम या तस्करी जैसे खतरों का सामना कर रहे थे !