
भीम प्रकाश शर्मा, श्रीगंगानगर : सेवा, प्रेम और एकता का अनूठा उदाहरण पेश करते हुए आगामी 6 अक्टूबर, सोमवार को गुरुद्वारा बाबा दीप सिंह जी शहीद की ओर से श्रीगंगानगर में सर्वधर्म सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इस ऐतिहासिक और भावनात्मक कार्यक्रम में 51 बेटियों के विवाह उनके-अपने धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न होंगे। सिख पंथ की बेटियों के विवाह “आनंद कारज” मर्यादा के अनुसार जबकि हिंदू परिवारों की बेटियों के विवाह वैदिक मंत्रोच्चार और अग्नि के सात फेरे के साथ पूरे पारंपरिक ढंग से संपन्न कराए जाएंगे।

मंगलवार को गुरुद्वारा परिसर में आयोजित प्रेस वार्ता में समिति के महासचिव तेजिंदर पाल सिंह टिम्मा ने बताया यह आयोजन बाबा दीप सिंह सेवा स्मिति के तत्वावधान में हो रहा है, जिसका उद्देश्य समाज में धार्मिक सौहार्द, समरसता, नारी सम्मान और सामूहिक जिम्मेदारी की भावना को और मजबूत करना है।इलाके के प्रमुख व्यवसाई अशोक चांडक सहित समिति के समूह सेवादार पिछले कई दिनों से इस आयोजन की तैयारियों में दिन-रात जुटे हैं। श्री चांडक ने कहा कि ऐसे कार्यों में उनका सहयोग सदैव बना रहेगा।

गुरुद्वारा परिसर में इन दिनों सेवा और समर्पण की मिसाल देखने को मिल रही है। संगत के हर वर्ग के लोग ,बुजुर्ग, युवा, महिलाएं और बच्चे – सभी इस पुण्य कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। कोई पंडाल डिज़ाइन कर रहा है, कोई रसोई सेवा में जुटा है, कोई विवाह सामग्री को व्यवस्थित कर रहा है, तो कोई मेहमानों के स्वागत की तैयारियों की रूपरेखा में लगा है। हर किसी के चेहरे पर संतोष, श्रद्धा और उमंग झलक रही है।
समिति अध्यक्ष सतनाम सिंह लाडा ने बताया कि इन बेटियों को अपने ही घर की बेटियां मानते हुए विवाह का हर प्रबंध बड़े आदर और जिम्मेदारी से किया जा रहा है। प्रत्येक जोड़े के लिए संपूर्ण विवाह सामग्री – कपड़े, गहने, गृह उपयोगी वस्तुएं और आवश्यक सामान संगत की सेवा भावना से एकत्रित की गई है, ताकि नई जिंदगी की शुरुआत में उन्हें किसी प्रकार की कमी महसूस न हो।
दरबार साहिब अमृतसर से विशेष आगमन
गुरद्वारा कमेटी अध्यक्ष हरप्रीत सिंह बबलू ने बताया कि इस भव्य समारोह की विशेषता यह भी होगी कि दरबार साहिब श्री अमृतसर से सिंह साहिब ज्ञानी केवल सिंह जी और प्रसिद्ध हजूरी रागी भाई महादीप सिंह जी विशेष रूप से आकर नवदंपत्तियों को आशीर्वाद प्रदान करेंगे। उनका आगमन समारोह को और भी गरिमामय और पवित्र बना देगा। ज्ञानी केवल सिंह जी विवाह समारोह के दौरान धार्मिक विचार साझा करेंगे और नवविवाहित जोड़ों को जीवन में प्रेम, सम्मान और धर्म के मार्ग पर चलने का संदेश देंगे।
सर्वधर्म एकता का सुंदर उदाहरण
टिम्मा ने कहा कि इस सामूहिक विवाह समारोह की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह किसी एक धर्म तक सीमित नहीं है, बल्कि सर्वधर्म एकता और भारत की सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक है। सिख, हिंदू, और अन्य धर्मों की बेटियों के विवाह उनके धार्मिक रीतियों और संस्कारों के अनुरूप कराए जाएंगे।
जहां गुरुद्वारा परिसर में “आनंद कारज” की पवित्र परंपरा के तहत सिख जोड़े गुरुग्रंथ साहिब जी की हजूरी में फेरे लेंगे, वहीं साथ ही हिंदू जोड़े पंडितों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार और अग्नि के साक्षी में सात फेरे लेंगे। यह दृश्य न केवल धार्मिक सहिष्णुता का सुंदर संदेश देगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए “एकता में अनेकता” की जीवंत मिसाल भी पेश करेगा।
गुरुद्वारा बाबा दीप सिंह जी शहीद परिसर में इस समय माहौल बेहद भावनात्मक और उत्साहपूर्ण है। संगत में अपार श्रद्धा और प्रेम की भावना देखने को मिल रही है। सभी लोग इन बेटियों को अपनी बेटियां मानकर तैयारियों में लगे हैं। कई संगत सदस्य बेटियों के हाथों में चूड़ियां और गहने खुद अपने हाथों से पहनाने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं।
टिम्मा ने बताया कि “यह आयोजन केवल विवाह का नहीं बल्कि सेवा, त्याग और अपनत्व का पर्व है। आज के समय में जब समाज में वैमनस्य और भेदभाव बढ़ रहा है, ऐसे में इस तरह के आयोजन समाज को जोड़ने और मानवता के संदेश को मजबूत करने का कार्य करते हैं।”
विवाह समारोह के बाद प्रत्येक नवविवाहित जोड़े को गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और संगत की ओर से गृहस्थ जीवन की शुरुआत के लिए आवश्यक सभी वस्तुएं भेंट की जाएंगी। इनमें कपड़े, बिस्तर, घरेलू उपकरण, बर्तन, धार्मिक ग्रंथ, और गृह-उपयोगी सामान शामिल हैं। सभी 51 जोड़ों को एक जैसा सामान दिया जाएगा।इसके अलावा नवदंपत्तियों को आशीर्वाद पत्र और उनके नाम से पौधे भी भेंट किए जाएंगे, जो उनके नए जीवन की शुरुआत का प्रतीक होंगे।
इस आयोजन को लेकर सामाजिक और धार्मिक संगठनों में भी उत्साह है। कई संस्थाओं और स्वयंसेवी समूहों ने इसे एक “आदर्श मॉडल” बताते हुए कहा कि सामूहिक विवाह जैसे आयोजन समाज में कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा और आर्थिक विषमता जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ एक मजबूत संदेश हैं।
इस आयोजन का उद्देश्य केवल बेटियों की शादी करवाना नहीं, बल्कि यह संदेश देना है कि बेटियां बोझ नहीं, बल्कि समाज की धरोहर हैं और उनका विवाह पूरे समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है।
6 अक्टूबर को गुरुद्वारा बाबा दीप सिंह जी शहीद श्रीगंगानगर में होने वाला यह सर्वधर्म सामूहिक विवाह समारोह न केवल 51 परिवारों के लिए जीवन का सबसे बड़ा दिन होगा, बल्कि यह दिन पूरे क्षेत्र के लिए मानवता, भाईचारे और सामाजिक एकता का प्रतीक बनकर इतिहास में दर्ज होगा।
जहां एक ओर यह आयोजन धार्मिक विविधता में एकता का सशक्त संदेश देगा, वहीं दूसरी ओर यह सेवा और समर्पण की भावना को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा। संगत के प्रेम और समाज के सहयोग से यह सामूहिक विवाह समारोह न केवल 51 बेटियों के जीवन में नई सुबह लेकर आएगा, बल्कि पूरी मानवता को एक नया मार्ग भी दिखाएगा सेवा, सौहार्द और संगति का।