
भीम प्रकाश शर्मा, श्रीगंगानगर : बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006, नाबालिग बालक एवं बालिकाओं के विवाह को प्रतिबंधित करता है। राजस्थान राज्य में अक्षय तृतीया (आखातीज) एवं पीपल पूर्णिमा पर अबूझ सावा होने के कारण बाल विवाह की संभावना अधिक रहती है।
जिला कलक्टर डॉ. मंजू ने बताया कि 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया (आखातीज) एवं 12 मई 2025 को पीपल पूर्णिमा का त्यौहार मनाया जाना है, जिसके दृष्टिगत जिले में बाल विवाहों की प्रभावी रोकथाम के लिये तत्काल और सक्रिय कदम उठाने, संबंधित विभागों व गैर सरकारी संगठनों के साथ समन्वय कर जागरूकता और संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित करने, सभी संबंधित व्यक्तियों, धार्मिक संस्थाओं और स्थानीय शासी निकायों को बाल विवाहों पर सख्ती से रोक लगाने, सूचना प्रसारित करने, सार्वजनिक स्थानों, स्कूलों, अस्पतालों, पुलिस स्टेशनों आदि पर चाईल्ड हेल्पलाइन नम्बर-1098 के बारे में जानकारी प्रसारित करने, स्कूल छोड़ने वाले बच्चों के आंकड़ें की समीक्षा कर उचित उपाय लागू करने के लिये प्रदत्त निर्देशों की अक्षरशः पालना सुनिश्चित की जाये।