
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने साक्ष्य आधारित एवं पारदर्शी नीति निर्माण की दिशा मे महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। जिला घरेलू उत्पाद अनुमान का आंकलन मॉडल उसी श्रृंखला का एक सशक्त उदाहरण है, जिसे अब अन्य राज्य भी आत्मसात करने की दिशा में अग्रसर हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार के नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार के दिशा निर्देशन में अर्थ एवं संख्या प्रभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु तैयार की गई जिला घरेलू उत्पाद अनुमान वैज्ञानिक, तुलनात्मक और व्यवहारिक आंकलन पर आधारित हैं।
इस विशिष्ट उपलब्धि से प्रभावित होकर मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार द्वारा इस प्रकाशन की सराहना करते हुये अपने वरिष्ठ आर्थिक एवं सांख्यिकीय अधिकारियों का एक 04 सदस्यीय दल दिनांक 22 से 24 मई तक अध्ययन हेतु उत्तर प्रदेश भेजा गया। राजस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश द्वारा जिला घरेलू उत्पाद अनुमान तैयार करने हेतु रीतिविधायन, प्रयुक्त किये गए आंकड़ों के संग्रहण, विभिन्न संकेतकों को दिए गए भारांक से लेकर डीडीपी अनुमान का अध्ययन किया।
प्रमुख सचिव नियोजन विभाग आलोक कुमार एवं महानिदेशक अर्थ एवं संख्या श्रीमती सेल्वा कुमारी जे. से शिष्टाचार भेट के दौरान, इस अध्ययन दल के प्रमुख विनेश सिंधवी निदेशक आर्थिक एवं सांख्यिकीय निदेशालय, राजस्थान ने सराहना की। प्रमुख सचिव नियोजन, द्वारा वर्तमान में प्रकाशित जिला घरेलू उत्पाद अनुमान वर्ष 2023-24 को राजस्थान के अधिकारियों को दिया गया, जिस पर राजस्थान के अधिकारियों द्वारा उत्तर प्रदेश के इस मॉडल को प्रभावशाली, व्यवहारिक और दोहराए जाने योग्य बताया गया।
उत्तर प्रदेश द्वारा तैयार की गई यह प्रणाली “नवाचार एवं सुशासन“ का उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसके अंतर्गत प्रदेश के समस्त 75 जनपदों की अर्थव्यवस्था का सघन विश्लेषण कर नीति निर्धारण हेतु ठोस आधार उपलब्ध कराया गया है। अन्य राज्य भी इस प्रणाली को समझने और लागू करने की रुचि दर्शा रहे हैं।