
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, नई दिल्ली / वडोदरा : गति शक्ति विश्वविद्यालय का तीसरा दीक्षांत समारोह रविवार वडोदरा में आयोजित हुआ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि के रूप में वर्चुअल माध्यम से इस समारोह में शामिल हुए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत अपने बुनियादी ढाँचे और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों में अभूतपूर्व परिवर्तन देख रहा है, जो देश के आर्थिक विकास की मज़बूत नींव रख रहा है।
लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को 21वीं सदी के भारत के लिए एक महत्वपूर्ण परिवर्तनकारी क्षेत्र बताते हुए, रक्षा मंत्री ने कहा कि इसमें युवाओं के लिए अपार अवसर हैं और यह एक विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने युवाओं से एक विकसित भारत के निर्माण में जिम्मेदारी लेने का आह्वान किया।
लॉजिस्टिक्स के महत्व को समझाते हुए, उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक्स सेवाएँ जितनी मज़बूत होंगी, हमारी सीमाएँ उतनी ही मज़बूत रहेंगी। जब हम देश के एक हिस्से में निर्मित रक्षा उत्पाद या सैनिकों के लिए खाद्य आपूर्ति समय पर सीमा पर पहुँचाते हैं, तो सीमा प्रहरियों का मनोबल मज़बूत होता है।
सरकार की पहलों पर प्रकाश डालते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब बनाने और मिशन मोड योजनाओं को लागू करने जैसी पहलों ने लॉजिस्टिक्स लागत को काफी कम कर दिया है और डेटा-आधारित निर्णय लेने को प्रोत्साहित किया है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, केंद्रीय रेल मंत्री और गति शक्ति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति अश्विनी वैष्णव ने पिछले 11 वर्षों में भारतीय रेलवे में हुए परिवर्तनकारी बदलावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पिछले एक वर्ष में ही रेल नेटवर्क का 5,300 किलोमीटर विस्तार हुआ है, जिसमें सुरंगों का निर्माण कुल 368 किलोमीटर तक पहुँच गया है।
इतिहास में ढाई शताब्दियों की अवधि को छोड़कर, भारत हमेशा से ही विश्व की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में से एक रहा है। उन्होंने गति शक्ति विश्वविद्यालय जैसे शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से हर क्षेत्र पर केंद्रित मानव संसाधन का निर्माण करके भारत को एक बार फिर शीर्ष अर्थव्यवस्था बनाने पर ज़ोर दिया। गति शक्ति विश्वविद्यालय ने लगभग 40 विभिन्न औद्योगिक और शैक्षणिक संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने भविष्य में समुद्री इंजीनियरिंग पर केंद्रित शोध पत्र तैयार करने और समुद्री उद्योगों के साथ समझौता ज्ञापन करने का भी सुझाव दिया।
अश्विनी वैष्णव ने स्नातक छात्रों को भारत की विकास यात्रा में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया और इस क्षेत्र में नवाचार के महत्व पर बल दिया। उन्होंने गति शक्ति विश्वविद्यालय को “विकास का इंजन” बताया और छात्रों से 2047 तक विकसित भारत के विजन का समर्थन करने का आग्रह किया।
दीक्षांत समारोह में कुल 194 विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों में उपाधियाँ प्रदान की गईं। प्रत्येक पाठ्यक्रम के एक छात्र को शैक्षणिक उत्कृष्टता पुरस्कार, उत्कृष्ट परियोजना और सर्वश्रेष्ठ छात्र पुरस्कार भी प्रदान किए गए।
गति शक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) मनोज चौधरी ने स्वागत भाषण दिया और संस्थान के पिछले तीन वर्षों के प्रदर्शन की जानकारी दी। कार्यक्रम में वडोदरा के सांसद डॉ. हेमांग जोशी, राजमाता शुभांगिनी राजे गायकवाड़, भारतीय सेना और रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी, विद्यार्थी और उनके अभिभावक उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप गति शक्ति विश्वविद्यालय, परिवहन संबंधी शिक्षा, बहु-विषयक अनुसंधान और प्रशिक्षण पर केंद्रित भारत का पहला विश्वविद्यालय है। गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) के लिए प्रधानमंत्री का विजन पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के व्यापक उद्देश्यों से गहराई से जुड़ा हुआ है – यह योजना भारत के बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में क्रांति लाने के उद्देश्य से है।
पीएम गति शक्ति के लिए प्रधानमंत्री का विजन भारत के लिए एक समग्र, एकीकृत और कुशल बुनियादी ढांचा पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है, जो पिछली अक्षमताओं को दूर करे और देश को आर्थिक विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा की ओर अग्रसर करे। पीएम गति शक्ति का मुख्य सिद्धांत एकीकृत योजना और समन्वित कार्यान्वयन है, जो रेलवे, सड़क मार्ग, बंदरगाहों और जलमार्ग जैसे क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की एकीकृत योजना और समन्वित कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए 16 मंत्रालयों को एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एक साथ लाता है।