मध्यप्रदेश : मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार में मंत्रियों के विभागों को लेकर जारी रस्साकशी पर 15 साल के शासन के बाद राज्य में विपक्षी पार्टी बन गई भाजपा चुटकी ले रही है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार में इस बारे में अब तक फैसला नहीं हो पाने पर व्यंग्य कस रहे हैं। जिसका कमलनाथ ने करारा जवाब दिया है। शिवराज सिंह गुरुवार को अपने निवास पर मीडियाकर्मियों से रूबरू थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि पद और गोपनीयता की शपथ लेने के बाद मंत्री बिना विभाग के ही कैबिनेट बैठक में शामिल हो रहे हैं। विभागों के बंटवारे को लेकर घमासान मचा हुआ है। दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक विधायकों को विभाग दिलवाने के लिए आपसी खींचतान में उलझे हुए हैं। शिवराज ने कहा कि मध्यप्रदेश के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था।
यह मुख्यमंत्री कमलनाथ के विशेषाधिकार पर डाके जैसा है। बता दें कि कमलनाथ ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के 6 दिन बाद 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ अकेले ली थी। इसके बाद आठ दिनों बाद 25 दिसंबर को कमलनाथ ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। जिसमें 28 विधायकों को मंत्री पद दिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि दिग्विजय सिंह कह रहे हैं कि विभागों का बंटवारा अभी थोड़े ही हो जाएगा। शिवराज ने पूछा कि कमलनाथ की सरकार आखिर कौन चला रहा है। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि जो मंत्री किसी गुट में नहीं हैं उनकी दुर्गति हो जाएगी। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान गुरुवार देर शाम परिवार के साथ जगन्नाथ पुरी के लिए रवाना हो गए। जगन्नाथपुरी में तीन दिनों के प्रवास के बाद वे शिरडी साईं बाबा के दर्शन के लिए एक जनवरी को वहां पहुंचेंगे।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बयानों पर पलटवार करते हुए कहा है कि 15 साल की सत्ता जाने का दुख हम समझ सकते हैं। जनता ने उन्हें घर बैठाया है, अब उन्हें आराम करना चाहिए। उन्हें ऐसी बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान को अपनी पार्टी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और खुद के लिए उपयुक्त पद तलाशना चाहिए। वे अभी तक अपनी पार्टी में नेता प्रतिपक्ष और अन्य पद तय नहीं करवा पाए हैं। कमलनाथ ने कहा कि हमारी सरकार को अभी सिर्फ 10 दिन हुए हैं। हम अपने वचन पत्र को पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि जनता ने भाजपा सरकार को 15 साल दिए, लेकिन वो नाकामयाब साबित हुए इसलिए आखिर मतदाताओं ने उन्हें घर बैठा दिया है। हमें पांच साल के लिए जनादेश मिला है। कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान इतनी जल्दी बेचैन न हों। वे सिर्फ चर्चा में बने रहने के लिए ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं।
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