
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : प्रदेश में युवाओं को कौशल विकास एवं रोजगार से जोड़ने के लिए संचालित राज्य सरकार के मिशन को और अधिक सुचारू, प्रभावी एवं परिणाम-उन्मुख बनाने के उद्देश्य से शुक्रवार मिशन मुख्यालय में मिशन निदेशक पुलकित खरे की अध्यक्षता में मिशन के समस्त अधिकारियों हेतु कैपेसिटी बिल्डिंग वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में आईआईएम के प्रोफेसर द्वारा ‘रिचर्ड विलियम्स केस स्टडी’ के माध्यम से रणनीतिक सोच, योजना निर्माण तथा लक्ष्यों की प्राप्ति के प्रभावी क्रियान्वयन पर विस्तृत प्रस्तुति दी गई।
मिशन निदेशक ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए सरकारी नीति के महत्व, नीति-निर्माण की आधारभूत संरचना और उसके वास्तविक क्रियान्वयन की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि “सबको हुनर, सबको काम” मिशन का मूल मंत्र है और इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए स्पष्ट विज़न, प्रारम्भिक स्थिति का ठोस विश्लेषण, संसाधनों की उपलब्धता एवं उनका दक्ष उपयोग, प्रभावी टीम वर्क, समन्वय, त्वरित और सटीक निर्णय क्षमता तथा समयबद्ध कार्ययोजना पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है।

मिशन निदेशक ने मिशन संचालन के तीन स्तरों—शॉर्ट-टर्म गोल्स, मिड-टर्म गोल्स और लॉन्ग-टर्म गोल्स—पर विशेष ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि बेहतर परिणामों के लिए नियमित प्रगति समीक्षा, चुनौतियों का समयबद्ध समाधान और परिणाम आधारित मूल्यांकन अत्यंत महत्वपूर्ण है। कार्यशाला के दौरान मिशन के उद्देश्यों और विज़न पर विस्तृत चर्चा की गई।
मीडिया प्रबंधन के महत्व पर बोलते हुए मिशन निदेशक ने कहा कि मिशन की उपलब्धियों, चल रहे प्रयासों, और लाभार्थियों की सफलता की कहानियों का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है। सही जानकारी का समय पर और प्रमाणिक संप्रेषण मिशन की जन-विश्वसनीयता और सकारात्मक छवि को मजबूत करता है।
समापन पर मिशन निदेशक ने कहा कि इस प्रकार की कैपेसिटी बिल्डिंग वर्कशॉप न केवल विचारों को नई ऊर्जा प्रदान करती हैं, बल्कि टीम की सोच को व्यापक दिशा देती हैं।
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