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CAG : यूपी में सड़क निर्माण के 80 % टेंडर में हुई महा गड़बड़ी

लखनऊ। सीएजी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक सड़क निर्माण के लिए निविदा आमन्त्रित करने से लेकर सड़क निर्माण की गुणवत्ता और ठेकेदारों के भुगतान में प्रक्रियागत कई गम्भीर खामियां मिली हैं. सीएजी की ओर से पिछले पांच साल में ठेके पर सड़कों के कराए गए निर्माण में ठेकेदारों के साथ सांठगांठ कर उन्हें अनुचित लाभ दिए जाने का भी खुलासा हुआ है. इसके साथ ही सड़क के निर्माण में बड़े पैमाने पर अवैध खनन से निकाले गए उपखनिजों का भी इस्तेमाल किया गया है.

सीएजी ने वर्ष 2011 से लेकर वर्ष 2016 के बीच यूपी के 17 जिलों के टेण्डर का परीक्षण करने के बाद यह रिपोर्ट जारी किया है. सीएजी ने आगरा, बस्ती, बदायूं, गाजीपुर, गोण्डा, गोरखपुर, हापुड़, हरदोई, झांसी, लखनऊ, मैनपुरी, मिर्जापुर, मुरादाबाद, सहारनपुर, संभल, सिद्धार्थनगर और उन्नाव जिलों में हुए टेण्डर का परीक्षण कराकर ये रिपोर्ट तैयार की है.

सीएजी की ओर से 31 मार्च 2016 को समाप्त हुए वर्ष की रिपोर्ट 27 जुलाई को यूपी विधानसभा के पटल पर भी रखी गई थी. यूपी के प्रधान महालेखाकार पीके कटारिया के मुताबिक रिपोर्ट में सड़कों के निर्माण पर पिछले पांच वर्षों में चालीस हजार करोड़ खर्च किए गए हैं. उनके मुताबिक ज्यादातर टेण्डर में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा की कमी पायी गई है. जबकि 80फीसदी टेण्डर में एक या दो निविदायें ही मिली थी. इसके साथ ही टेण्डर में भाग लेने वाले ज्यादातर ठेकेदार टेक्निकल स्टैण्डर्ड पर भी खरे नहीं उतरे हैं.

प्रधान महालेखाकार के मुताबिक सड़कों के निर्माण में इण्डियन रोड कांग्रेस के स्टैण्डर्ड का भी पालन नहीं किया गया है. इसके साथ ही ज्यादातर सड़कें गुणवत्ता के मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं. सीएजी की रिपोर्ट में चिंता ब्यक्त की गई है कि सड़कों की क्वालिटी टेस्टिंग को लेकर ठेकेदार और विभाग दोनों गंभीर नहीं हैं. इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 1998 में बनी रोड डेवलपमेंट पॉलिसी के वक्त 54 हजार वास स्थल रोड से कनेक्ट नहीं थी और आज भी चालीस हजार से ज्यादा वास स्थल ऐसे है जहां पर रोड कनेक्टिविटी मौजूद नहीं है.

वहीं सीएजी की रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर अवैध खनन से निकले उपखनिजों का भी सड़क निर्माण में प्रयोग किए जाने का खुलासा हुआ है. जिस पर सीएजी ने भी अपनी गहरी चिंता ब्यक्त की है.

बहरहाल प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाने का दावा करने वाली सरकारें भले बड़े बड़े दावे करती हों, लेकिन सीएजी की ताजा रिपोर्ट ने न केवल उन दावों की हवा निकाल दी है बल्कि सड़क निर्माण में बरती जा रही भारी अनियमितता की भी पोल खोल कर रख दी है. हांलाकि सीएजी की रिपोर्ट अब विधानसभा के पटल पर रखी जा चुकी है और इस मुद्दे पर एक्शन लेने को लेकर गेंद अब सरकार के पाले में है.

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