
नई दिल्ली। कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के बजट में कटौती की गई है जिसके कारण मजदूरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में सरकार को पर्याप्त आवंटन सुनिश्चित करना चाहिए। सोनिया गांधी ने सदन में शून्यकाल के दौरान यह विषय उठाया।
सरकार ने उनके आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मनरेगा के लिए एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन हुआ है, जबकि पूर्व की संप्रग सरकार के समय न सिर्फ आवंटन कम था, बल्कि ‘भ्रष्टाचार’ भी होता था। शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘ मनरेगा का कुछ साल पहले कुछ लोगों ने मजाक बनाया था । हालांकि उसी मनरेगा ने कोविड और लॉकडाउन के दौरान प्रभावित परिवारों की सहायता की। फिर भी मनरेगा के लिए आवंटित बजट में कटौती की जा रही है।’
उन्होंने दावा किया कि बजट में कटौती के कारण मजदूरों को काम और मजदूरी मिलने में दिक्कत हो रही है। उन्होंने कहा, ‘‘इस साल मनरेगा का बजट पिछले साल के मुकाबले 35 प्रतिशत कम है। इससे मजदूरों के भुगतान में देरी होती है।’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ मैं केंद्र सरकार से आग्रह करती हि मनरेगा के लिए उचित आवंटन हो, काम के 15 दिनों के भीतर कामगारों को मजूदरी का भुगतान हो तथा भुगतान में देरी पर मुआवजे भी दिया जाए।’’
इसके बाद ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, ‘‘वह (सोनिया) देश की एक वरिष्ठ नेता हैं। उन्होंने सदन में जो विषय रखा है वो पूर्ण रूप से तथ्यों से परे है। साल 2013-14 में (संप्रग सरकार के समय) मनरेगा का 33 हजार करोड़ रुपये का बजट था, जो आज एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है।’’ सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘संप्रग के समय आवंटित बजट खर्च नहीं होता था।
लेकिन मोदी सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया। इनके (कांग्रेस) समय सिर्फ भ्रष्टाचार होता था।’’ इस दौरान कांग्रेस सदस्य हंगामा करने लगे। इस पर ठाकुर ने कहा, ‘‘ये लोग मंत्री की ओर से जवाब देने का विरोध कर रह है। यह दिखाता है कि विपक्ष सिर्फ राजनीति करता है।’’ बाद में पीठासीन सभपति रमा देवी ने व्यवस्था देते हुए कहा कि सोनिया गांधी ने शून्यकाल में जो विषय उठाये हैं, सरकार उसका उत्तर देना चाहे, तो दे सकती है ।
Suryoday Bharat Suryoday Bharat