
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : कांग्रेस विधानमंडल दल नेता श्रीमती आराधना मिश्रा “मोना” ने वन्देमातरम् के नाम पर भाजपा और योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा की जा रही बांटने की राजनीति पर घेरा और वंदेमातरम को देश के प्रत्येक व्यक्ति से भावनात्मक जुड़ाव बताया, श्रीमती आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और उनकी मात्र संस्था आर.एस.एस जिनका दूर-दूर तक ना तो वंदेमातरम से कोई लेना-देना नही रहा, न ही देश की आजादी से मतलब रहा, वह आज वंदेमातरम के नाम पर लोगों को बांटना चाहते हैं, वन्देमातरम देश की आजादी का गीत है, जिसे सुनते ही प्रत्येक स्वतंत्रता सेनानी, आजादी के दीवानों में जोश आ जाता था !
प्रधानमंत्री जी और भाजपा उस गीत और आजादी के नारे के नाम पर भी राजनीति करना चाहते हैं, बीजेपी वंदेमातरम के नाम पर लोगों को बांटना चाहती है लेकिन उनको यह नहीं पता है कि वंदेमातरम गीत पहली बार कांग्रेस के अधिवेशन में ही गाया गया था, भाजपा नेता झूठ बोलते हैं कि वंदेमातरम के 100 साल पर कोई कार्यक्रम नही हुआ, देश जानता है कि श्रीमती इंदिरा गांधी जी ने वंदेमातरम के शताब्दी वर्ष 30 दिसंबर 1976 को डाक टिकट भी जारी किया था, वह कांग्रेस सरकार ही थी, वह 28 अक्टूबर 1937 का कांग्रेस अधिवेशन ही था जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर के शब्दों को सर्वसम्मति से स्वीकार किया था !
प्रधानमंत्री जी आधी बात बोलते हैं लेकिन अधिवेशन कांग्रेस का था उसे बोलने में उन्हें झेप लगती है, और यह निर्णय कांग्रेस वर्किंग कमेटी में पारित हुआ जिसमें एक स्वर से पंडित जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस , आचार्य नरेंद्र देव, सरदार पटेल, आचार्य कृपलानी, मदन मोहन मालवीय, और मौलाना आजाद सहित सभी ने सर्वसम्मति से एक स्वर में राष्ट्रीय गीत घोषित किया । तब भाजपा (तत्कालीन जनसंघ और आर. एस. एस. कहां था? )
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