
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) ने वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर अपने उत्कृष्ट शोध योगदान के लिए सम्मान अर्जित करते हुए अपने शैक्षणिक सफर में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की विश्व-प्रसिद्ध टॉप 2% वैज्ञानिकों की सूची में बीबीएयू के 15 संकाय सदस्य शामिल किए गए हैं, जिससे विश्वविद्यालय की वैश्विक शोध उपस्थिति को और मजबूती मिली है।
(स्रोत: https://elsevier.digitalcommonsdata.com) सम्मानित वैज्ञानिकों में प्रो. नवीन कुमार अरोड़ा, प्रो. राम चंद्र, डॉ. जयशंकर सिंह, डॉ. राम नरेश भार्गव, प्रो. बी.सी. यादव, प्रो. बी. एस. भदौरिया, प्रो. देवेश कुमार, डॉ. राजेश कुमार सिंह, डॉ. आदित्य खानपरिया, डॉ. अभिषेक वर्मा, डॉ. मुकेश कुमार अवस्थी तथा तीन अन्य शामिल हैं। इनका चयन विभिन्न विषयों में निरंतर उत्कृष्ट प्रकाशन, उच्च संदर्भ (साइटेशन) और वैश्विक प्रभाव को दर्शाता है।
राष्ट्रीय स्तर पर, बीबीएयू को 18 सितंबर 2025 को क्लैरिवेट इंडियन रिसर्च एक्सीलेंस – साइटेशन अवार्ड 2025 (केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रेणी) से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन संस्थानों को प्रदान किया जाता है जिनका शोध-प्रकाशन और संदर्भ प्रदर्शन असाधारण होता है।
बीबीएयू की शोध-प्रतिबद्धता को उसके उच्च NAAC प्रत्यायन स्कोर में भी परिलक्षित किया गया है, विशेषकर शोध प्रकाशनों के क्षेत्र में। विश्वविद्यालय में हाल के समय में शोध परियोजना प्रस्तावों, पोस्ट-डॉक्टोरल फेलोशिप के प्रस्तावों तथा विभिन्न फंडिंग आवेदनों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो एक सक्रिय और समर्पित शैक्षणिक समुदाय का प्रतीक है।
नवाचार को बढ़ावा देने के लिए, कुलपति प्रो. आर. के. मित्तल ने समाजोपयोगी शोध परियोजनाओं हेतु इंट्राम्यूरल ग्रांट देने की घोषणा की है, जिससे अध्यापक और विद्यार्थी आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश और आत्मनिर्भर भारत के मिशन में योगदान कर सकें।
इन उपलब्धियों के साथ, बीबीएयू लगातार शैक्षणिक उत्कृष्टता का एक प्रकाशस्तंभ बनता जा रहा है, जो परिवर्तनकारी शोध को बढ़ावा देने और भविष्य के नेतृत्वकर्ताओं को तैयार करने की दिशा में अग्रसर है।