
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में शुक्रवार 19 सितंबर को पीस क्लब, बीबीएयू द्वारा ‘शांति और सह-अस्तित्व के लिए युवा’ विषय पर एकदिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डीन ऑफ अकेडमिक अफेयर्स प्रो. एस. विक्टर बाबू ने की। इसके अतिरिक्त मंच पर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो. तेज प्रताप सिंह, मुम्बई विश्वविद्यालय के प्रो. मृदुल निले, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. सुधीर कुमार एवं पीस क्लब, बीबीएयू के समन्वयक प्रो. विनोद खोबरागड़े उपस्थित रहे।
डीन ऑफ अकेडमिक अफेयर्स प्रो. एस. विक्टर बाबू ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर शांति स्थापित करने में युवाओं का योगदान और भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। युवा पीढ़ी समाज में ऊर्जा, नवीन सोच और सकारात्मक परिवर्तन की शक्ति का प्रतीक है।
प्रो तेज प्रताप सिंह ने समकालीन परिप्रेक्ष्य में युद्ध, संघर्ष, हिंसा और शांति विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि आज की दुनिया में हिंसा केवल शारीरिक रूप में ही नहीं, बल्कि संरचनात्मक, भाषाई, धार्मिक और क्षेत्रीय पहचान के आधार पर भी दिखाई देती है। प्रो. सुधीर कुमार ने ‘वैश्विक शांति में युवाओं की भूमिका’ विषय चर्चा करते हुए कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक देश में युद्ध अंतिम विकल्प होना चाहिए, क्योंकि वास्तविक समाधान केवल शांति से ही संभव है।
प्रो मृदुल निले ने ‘वैश्विक शांति को प्रभावित करने वाले समकालीन कारकों की समझ’ विषय पर अपने विचार रखते हुए बताया कि आज शांति केवल युद्ध और संघर्ष की अनुपस्थिति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह असमानता, लोकतंत्र की गुणवत्ता और विचारधाराओं से भी गहराई से जुड़ी हुई है। उन्होंने 2006 से 2023 तक विश्व के विभिन्न देशों में लोकतंत्र के उतार-चढ़ाव पर प्रकाश डाला।
समस्त कार्यक्रम के दौरान विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण, गैर शिक्षण कर्मचारी, शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।