
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू), लखनऊ का सैटेलाइट केंद्र, अमेठी रविवार सिर्फ एक शैक्षणिक परिसर नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन, अवसरों की समानता और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक निर्णायक पहल बन चुका है। भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर के विचारों से प्रेरित यह केंद्र गाँवों को ज्ञान, युवाओं को सम्मान और शिक्षा को अधिकार में बदलने का जीवंत उदाहरण है।
इस अवसर पर बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजकुमार मित्तल ने कहा कि “अमेठी सैटेलाइट केंद्र विश्वविद्यालय की उस प्रतिबद्धता का प्रत्यक्ष प्रमाण है, जिसके माध्यम से हम भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर के सपनों को साकार करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य है कि शिक्षा और कौशल विकास के माध्यम से समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक समान अवसर पहुंचाया जाए। अमेठी परिसर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने का सशक्त माध्यम बन चुका है और हम इसे एक उत्कृष्ट एवं आत्मनिर्भर शैक्षणिक केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।”
कुलपति प्रो. राजकुमार मित्तल के दूरदर्शी नेतृत्व में विश्वविद्यालय ने इस केंद्र को विकसित करने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया है। सैटेलाइट केंद्र की दिशा में की गई कार्यवाही यह दर्शाती है कि यह न केवल विश्वविद्यालय की शिक्षा नीति के साथ संरेखित है, बल्कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की मूल भावना – समावेशी, कौशलयुक्त और बहुविषयक शिक्षा – को भी प्रभावी रूप से अपनाता है। निकट भविष्य में अमेठी सैटेलाइट केंद्र को एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन कम्यूनिटी इंगेजमेंट एंड स्किल इंपावरमेंट ‘Centre of Excellence in Community Engagement & Skill Empowerment’ के रूप में विकसित किया जाएगा।
शैक्षणिक सत्र 2025-26 में अमेठी सैटेलाइट केंद्र के स्नातक पाठ्यक्रमों जैसे बीए अंग्रेजी, बीसीए आनर्स, बीए समाजशास्त्र आदि पाठ्यक्रमों में पिछले वर्षों की तुलना में बढ़ती आवेदनों की संख्या इसकी शैक्षणिक गुणवत्ता, सुविधाओं और लोकप्रियता को प्रमाणित करती हैं। इनमें से कई पाठ्यक्रमों में राज्य के बाहर से भी आवेदन प्राप्त हुए हैं, जो इस केंद्र की राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्यता को दर्शाता है।
इसके अतिरिक्त बीबीएयू अमेठी केंद्र में इस वर्ष तीन कौशल-आधारित प्रमाणन कार्यक्रम शुरू किए गए हैं, जो स्थानीय युवाओं को तकनीकी रूप से दक्ष बनाकर उन्हें रोजगार और स्वरोजगार की दिशा में सशक्त कर रहे हैं। यह स्वरोजगार आधारित पाठ्यक्रम फूड क्वालिटी एंड एनालिसिस में डिप्लोमा, फूड प्रोसेसिंग में सर्टिफिकेट कोर्स एवं बेकरी और कन्फेक्शनरी क्राफ्ट्समैनशिप में सर्टिफिकेट कोर्स है। इन कोर्सों की खास बात यह है कि इन्हें स्थानीय संसाधनों, उद्योगों और व्यवसायिक संभावनाओं के अनुरूप तैयार किया गया है। यह केंद्र निकट भविष्य में डेयरी टेक्नोलॉजी, हर्बल प्रोडक्ट्स, ग्रामीण उद्यमिता, एग्री-बिज़नेस, और आईटी बेस्ड सर्विसेज से जुड़े कई और सर्टिफिकेट/डिप्लोमा कोर्स शुरू करने की दिशा में कार्य कर रहा है।
सैटेलाइट केंद्र अमेठी में छात्रों को बेहतर शिक्षण और आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु स्मार्ट क्लासरूम, छात्र- छात्राओं के लिए अलग- अलग छात्रावास, स्वच्छ एवं गुणवत्तायुक्त मेस सेवा, खेल एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए खुले परिसर एवं शिक्षण को व्यावहारिक रूप से जोड़ने हेतु नई प्रयोगशालाएं, ट्रेनिंग वर्कशॉप और नवाचार केंद्र जैसी सुविधाएं विकसित की गई हैं।
इसके अतिरिक्त बीबीएयू अमेठी केंद्र शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण चेतना और स्वास्थ्य सेवाओं से भी जुड़ा हुआ है। यहाँ स्कूलों के शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम, गाँवों में कैरियर काउंसलिंग, स्वास्थ्य जांच शिविर जैसे लघु कार्यक्रम भी नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं। यह एक विश्वविद्यालय के सैटेलाइट केंद्र से परे जाकर समाज के लिए ज्ञान का सामाजिक विस्तार है। यह केंद्र डॉ. अम्बेडकर की उस मूल भावना को जीवंत करता है जिसमें उन्होंने कहा था !
‘शिक्षा वह शस्त्र है जिससे कोई भी समाज अपनी बेड़ियों को तोड़ सकता है।’ बीबीएयू अमेठी केंद्र इसी सोच को आधार बनाकर हर तबके, हर गाँव और हर युवा तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुँचाने की दिशा में लगातार कार्यरत है।