
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में सोमवार 15 दिसंबर को आंतरिक शिकायत समिति की ओर से ‘कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (यूजीसी विनियम, 2015)’ विषय पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान मुख्य तौर पर आंतरिक शिकायत समिति, बीबीएयू की अध्यक्ष प्रो. आभा मिश्रा, डॉ. बलजीत श्रीवास्तव, डॉ. राशिदा अतहर एवं आईसीसी की विद्यार्थी प्रतिनिधि सुश्री रश्मि सिंह एवं सुश्री सुतिथि हाजरा उपस्थित रहीं।
आईसीसी अध्यक्ष प्रो. आभा मिश्रा ने आईसीसी के कार्यों एवं उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि आंतरिक शिकायत समिति का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालय में सुरक्षित, सम्मानजनक एवं लैंगिक समानता पर आधारित वातावरण सुनिश्चित करना है। उन्होंने बताया कि आईसीसी न केवल लैंगिक उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों के निस्तारण का कार्य करती है, बल्कि महिलाओं एवं अन्य सभी वर्गों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
डॉ राशिदा अतहर ने आईसीसी एवं महिला सुरक्षा से जुड़े विभिन्न कानूनों और नियमों की जानकारी देते हुए कहा कि आंतरिक शिकायत समिति से जुड़े विभिन्न प्रावधानों का प्रयोग हमें एक टूल की तरह करना चाहिए, ताकि पीड़ितों को समय पर न्याय मिल सके और सुरक्षित एवं सम्मानजनक वातावरण बना रहे। इस संदर्भ में उन्होंने महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013, आईटी अधिनियम 2000, घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम 2005, , विशाखा गाइडलाइन तथा भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं का उल्लेख किया।
इसके अतिरिक्त डॉ. बलजीत श्रीवास्तव, डॉ ज्योति पांडेय, डॉ. रेनू पांडेय एवं विद्यार्थी प्रतिनिधि रश्मि एवं सुतिथि ने भी विषय से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार रखे।
इस अवसर पर एक चर्चा सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने सक्रिय रूप से भाग लेते हुए अपने सुझाव प्रस्तुत किए तथा महिला सुरक्षा, आईसीसी की भूमिका और लैंगिक संवेदनशीलता से जुड़े अपने अनुभव साझा किए।
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