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बीबीएयू में शोध के क्षेत्र में उपयोगी प्रतिचयन विधि एवं विचरण‌ विश्लेषण पर हुआ विशेष व्याख्यान का आयोजन

अशोक यादव, लखनऊ : बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में गुरुवार 11 दिसंबर को सांख्यिकी विभाग की ओर से ‘अनुसंधान पद्धति और सांख्यिकी तकनीकों का उपयोग – डेटा से निर्णय तक’ विषय पर आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला में प्रतिचयन विधि (Sampling Technique) एवं विचरण‌ विश्लेषण (Analysis of Variance) विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यशाला के दौरान मुख्य वक्ता के तौर पर डॉ. सुभाष कुमार यादव एवं डॉ. मीनाक्षी मिश्रा उपस्थित रहीं। इसके अतिरिक्त कार्यक्रम संयोजक डॉ. राहुल वार्ष्णेय का अहम योगदान रहा।

डॉ. सुभाष कुमार यादव ने सैंपलिंग तकनीकों पर व्याख्यान देते हुए कहा कि समय और धन की सीमाओं के कारण पूर्ण गणना (complete enumeration) के स्थान पर सैंपलिंग एक प्रभावी विकल्प है। किसी भी अध्ययन के लिए नमूना जनसंख्या का सही प्रतिनिधि होना चाहिए, जो उपयुक्त सैंपलिंग तकनीक के प्रयोग से ही संभव है। यदि नमूना उपयुक्त नहीं होगा, तो प्राप्त अनुमान विश्वसनीय नहीं होगा और उसके आधार पर बनाई गई नीतियाँ यथार्थवादी एवं प्रभावी नहीं हो पाएंगी।

डॉ. मीनाक्षी मिश्रा ने वैरिएंस विश्लेषण (Analysis of Variance – ANOVA) पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। व्याख्यान में आधुनिक शोध में ANOVA के महत्व पर प्रकाश डाला गया, विशेष रूप से विभिन्न समूहों के औसत की तुलना करने, समूहों के बीच महत्वपूर्ण अंतर पहचानने तथा विभिन्न क्षेत्रों—जैसे सामाजिक विज्ञान, स्वास्थ्य शोध, कृषि तथा डेटा-आधारित नीतिनिर्माण में प्रयोगात्मक डिजाइनों को समर्थन देने में इसकी उपयोगिता को रेखांकित किया गया।

अंत में डॉ. राहुल वार्ष्णेय ने धन्यवाद ज्ञापित किया। समस्त कार्यक्रम के दौरान विभिन्न शिक्षक, शोधार्थी एवं प्रतिभागी मौजूद रहे।

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