ब्रेकिंग:

बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में ‘जलवायु परिवर्तन’ विषय पर हुआ व्याख्यानमाला का आयोजन

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में बुधवार 30 जुलाई को श्री अटल बिहारी बाजपेई प्रेक्षागृह में कमेटी फॉर एमीनेंट लेक्चर सीरीज की ओर से ‘जलवायु परिवर्तन’ विषय पर व्याख्यान माला के चतुर्थ व्याख्यान सत्र का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं वक्ता के तौर पर ‘जल पुरुष’ कहलाये जाने वाले प्रसिद्ध जल संरक्षणकर्ता एवं पर्यावरणविद् डॉ. राजेन्द्र सिंह उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त मंच पर डीन ऑफ अकेडमिक अफेयर्स प्रो. एस. विक्टर बाबू एवं कमेटी फॉर एमीनेंट लेक्चर सीरीज की अध्यक्ष प्रो. शिल्पी वर्मा मौजूद रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं बाबासाहेब के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। इसके पश्चात आयोजन समिति की ओर से मुख्य वक्ताओं एवं शिक्षकों को पौंधा भेंट करके उनका स्वागत किया गया। सर्वप्रथम कमेटी फॉर एमीनेंट लेक्चर सीरीज की अध्यक्ष प्रो. शिल्पी वर्मा ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों का स्वागत किया एवं सभी को कार्यक्रम के उद्देश्य एवं रुपरेखा से अवगत कराया। मंच संचालन का कार्य डॉ. शिखा तिवारी द्वारा किया गया।

कुलपति प्रो. राजकुमार मित्तल ने आयोजन टीम को बधाई एवं शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भारतीय ज्ञान परंपरा का समावेश प्रमुखता से देखने को मिलता है। प्राचीन भारत में एक समुदाय आधारित विकेन्द्रीकृत प्रणाली प्रचलित थी, जिसके अंतर्गत हर घर में छोटे-छोटे उद्योग दिखाई देते थे। उस समय आत्मनिर्भरता, प्रकृति के साथ गहरा जुड़ाव तथा पर्यावरण की रक्षा जैसे मूल्य जीवन का अभिन्न हिस्सा थे और यही भारतीय दर्शन की विशेषता है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में यह धारणा बन चुकी है कि अधिक उपभोग ही प्रगति का संकेतक है, जबकि पर्यावरणीय परिप्रेक्ष्य से यह सोच पूरी तरह विपरीत सिद्ध होती है।

जल पुरुष’, प्रसिद्ध जल संरक्षणकर्ता एवं पर्यावरणविद् डॉ. राजेन्द्र सिंह ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि 21वीं सदी अनेक प्रकार की समस्याओं और चुनौतियों से भरी हुई है, जिनमें प्रमुख रूप से जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण क्षरण और प्रदूषण जैसी गंभीर समस्याएं देखने को मिलती हैं। हमारे प्राचीन ग्रंथ, विशेष रूप से अथर्ववेद में भी पृथ्वी के संरक्षण की बात कही गई है, जो यह दर्शाता है कि भारतीय ज्ञान परंपरा सदैव से प्रकृति के साथ संतुलन बनाए रखने की पक्षधर रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए भारतीय ज्ञान प्रणाली और आधुनिक तकनीक के समन्वय द्वारा ज्ञान का संवर्धन करने का लक्ष्य रखती है।

कार्यक्रम के दौरान माननीय कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल एवं मुख्य अतिथि डॉ. राजेन्द्र सिंह ने बीबीएयू के प्रो. कमान सिंह के नेतृत्व में ‘लखनऊ क्लाइमेट चेंज कांफ्रेंस ऑन कंट्रोल ऑफ ग्रीन हाउस गैसेज एट द सोर्सेज वाय फिजिकल एंड केमिकल टेक्नोलॉजीज’ विषय पर लिखित सोवेनियर का विमोचन किया। साथ ही मुख्य अतिथि द्वारा विद्यार्थियों एवं शिक्षकों की ओर से पूछे गये प्रश्नों का उत्तर दिया गया, जिसके माध्यम से डॉ. राजेन्द्र सिंह ने विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय में ‘जल साक्षरता अभियान’ शुरू करने के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम के अंत में आयोजन समिति की ओर से मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट करके उनके प्रति आभार व्यक्त किया है। साथ ही डॉ. नरेंद्र सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।समस्त कार्यक्रम के दौरान डीएसडब्ल्यू प्रो. नरेंद्र कुमार, प्रो. कमान सिंह, विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, विभिन्न संस्थानों के अधिकारी, शिक्षकगण, गैर शिक्षण कर्मचारी, शोधार्थी विभिन्न विद्यालयों एवं बीबीएयू के विद्यार्थी मौजूद रहे।

Loading...

Check Also

एनईपी सारथी टीम, बीबीएयू द्वारा पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन : छात्रों ने कला से व्यक्त किए शिक्षा के नवविचार

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू), लखनऊ में मंगलवार 29 …

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com