
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में गुरुवार 4 सितंबर को स्थायी आयोजन समिति की ओर से ‘शिक्षक दिवस’ की पूर्व संध्या के अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने की। मुख्य अतिथि के तौर पर हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के चेयरपर्सन प्रो. कैलाश चंद्र शर्मा उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त मंच पर डीन ऑफ अकेडमिक अफेयर्स प्रो. एस. विक्टर बाबू, स्थायी आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो. के.एल. महावर एवं मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर, राजस्थान की कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं बाबासाहेब व डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। मंच संचालन का कार्य डॉ. सूफिया अहमद द्वारा किया गया।

विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि एक शिक्षक का जीवन में अहम स्थान होता है क्योंकि वह विद्यार्थियों को जीवन को सही ढंग से जीने की राह दिखाते हैं। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि बीबीएयू की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जो पहचान है, उसमें विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों का भी महत्वपूर्ण योगदान है।

हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के चेयरपर्सन प्रो. कैलाश चंद्र शर्मा ने अपने विचार रखते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में माता-पिता और गुरु का स्थान सर्वोच्च माना जाता है, क्योंकि यही हमें जीवन जीने की नई राह दिखाते हैं।
डीन ऑफ अकेडमिक अफेयर्स प्रो. एस.विक्टर बाबू, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा एवं प्रो. के.एल. महावर ने भी विद्यार्थियों को जीवन में प्रगति पथ पर बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
स्थायी आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो. के.एल. महावर ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण, गैर शिक्षण अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।