
अशाेक यादव, लखनऊ। इस्लाम धर्म के प्रति विवादित बयानों में रहने वाले सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने सोमवार को सनातन धर्म अपना लिया है। वसीम रिजवी अब हरबीर नारायण सिंह त्यागी हो गए हैं। गाजियाबाद में स्थित डासना देवी मंदिर में उन्होंने अपना धर्म परिवर्तन किया है। डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद गिरि ने रिजवी को पूजा-पाठ के साथ हिन्दू धर्म में शामिल किया है।
इस्लाम छोड़कर हिन्दू बनने के बाद जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (वसीम रिजवी) ने कहा, ”धर्म परिवर्तन की यहां कोई बात नहीं है, जब मुझे इस्लाम से निकाल दिया गया तो फिर मेरी मर्जी है कि मैं कौन सा धर्म स्वीकार करूं। सनातन धर्म दुनिया का सबसे पहला धर्म है, जितनी उसमें अच्छाइयां पाई जाती हैं, और किसी धर्म में नहीं है. इस्लाम को हम धर्म ही नहीं समझते। हर जुमे की नमाज के बाद हमारा सिर काटने के लिए फतवे दिए जाते हैं तो ऐसी परिस्थिति में हमको कोई मुसलमान कहे, इससे हमको खुद शर्म आती है।”
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने पहले ही ऐलान किया था कि वह इस्लाम छोड़ हिंदू धर्म अपनाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि डासना की देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती उन्हें सनातन धर्म में शामिल करवाएंगे।
इस दौरान यति नरसिंहानंद ने कहा कि वसीम रिजवी ने उन्हें बताया कि उन्होंने एक किताब लिखी है उसका विमोचन होना है। रिजवी से बात करके उन्हें अच्छा लगा और तब वह जान पाए कि वसीम कितने मानवतावादी और दिलेर व्यक्ति हैं। हिंदुओं को चाहिए तन, मन और धन से वसीम रिजवी का साथ दें। हम रिजवी के इस फैसले का समर्थन करते है और उनको हिन्दू धर्म में स्वीकार करते है। पूजा-पाठ के साथ वसीम रिजवी ने हिन्दू धर्म स्वीकार किया है।
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