
जिनेवा। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि युद्ध, असुरक्षा, भुखमरी, जलवायु परिवर्तन और कोरोना वायरस जनित महामारी के कारण अफगानिस्तान, इथोपिया, म्यांमा, सीरिया और यमन जैसी देशों में अगले साल 27 करोड़ 40 लाख लोगों को आपातकालीन मानवीय सहायता की जरूरत होगी।
‘मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय’ (ओसीएचए) की ओर से जारी वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2022 में आपातकालीन सहायता की जरूरतमंद लोगों की संख्या में 17 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिल सकती है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था ने दानकर्ताओं से अपील की है कि दुनिया भर के सर्वाधिक जरूरतमंद 18 करोड़ 30 लाख लोगों की मदद के लिए वे 41 अरब डॉलर दान करें।
ओसीएचए के प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने कहा, “जलवायु का संकट विश्व के सबसे कमजोर लोगों को सबसे ज्यादा प्रभावित कर रहा है। विशेष रूप से इथोपिया, म्यांमा और अफगानिस्तान में अस्थिरता बढ़ी है और संघर्ष की स्थिति बढ़ती जा रही है।” उन्होंने कहा, “महामारी समाप्त नहीं हुई है और गरीब देश टीके से वंचित हैं।” उन्होंने कहा कि इस साल 70 प्रतिशत लोगों तक सहायता पहुंची है।
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