लखनऊ /नई दिल्ली: शिमला में पानी की किल्लत का मामला प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंच गया है. पीएम ऑफिस ने हिमचाल सरकार को पत्र लिखकर जल्द से जल्द पानी की कमी दूर करने का आदेश दिया है. पीएमओ ने राज्य सरकार से ताजा स्थिति का ब्योरा भी मांगा है. साथ ही पूछा है कि क्या लोगों को पेयजल आपूर्ति के लिए सरकार के पास कोई लॉन्ग टर्म योजना है. वहीं, दूसरी तरफ पेयजल संकट को दूर करने के लिए शिमला म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर 40 होटलों का वॉटर सप्लाई कनेक्शन काट दिया है. समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक इन होटलों ने लंबे समय से पानी के बिल का भुगतान नहीं किया था.
हिमाचल प्रदेश की मुख्यमंत्री जयराम सरकार ने पीएमओ से आए पत्र का जवाब देते हुए लिखा है कि सूखे के कारण जलस्रोतों में पानी का स्तर घटाने से राज्य में पानी की कमी हुई है. जयराम सरकार ने पत्र में कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए व्यापक कदम उठाए गए हैं. हालांकि, उन्होंने लिखा है कि फिलहाल पानी की कमी दूर करने के लिए कोई लॉन्ग टर्म योजना पर काम नहीं किया जा रहा है. लेकिन जल्द ही इससे निपटने की रणनीति बनाई जाएगी.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर नई दिल्ली जाकर स्थिति स्पष्ट करेंगे
सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने अपने बयान में कहा कि पानी पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से पत्र आया है. उस बाबत मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर नई दिल्ली जाकर स्थिति स्पष्ट करेंगे. सीएम दो जून को दिल्ली जाकर हालात की जानकारी देंगे.
विरोध प्रदर्शन ,आत्मदाह की दी धमकी
वहीं, पीने का पानी नहीं मिलने के कारण शिमला के लोग परेशान हैं. कहीं विरोध प्रदर्शन में चक्का जाम किया जा रहा है तो कहीं लोग सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. इस बीच संजौली चौक पर प्रदर्शन करने पहुचें सौकड़ों लोगों ने चक्का जाम किया. हरिचंद गुप्ता के एक व्यक्ति ने कल सुबह तक पानी नहीं मिलने पर आत्मदाह की धमकी दी है. व्यक्ति का कहना है कि उसके घर में पिछले 16 दिन से पीने का पानी नहीं है. उसने कहा कि यदि शुक्रवार को पानी नहीं आया तो शनिवार सुबह आठ बजे खुद को आग लगाकर आत्मदाह कर लेगा.
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