
अशाेक यादव, लखनऊ। युवा पीढ़ी को वर्ष 2047 में आजादी की शताब्दी तक समाज को तमाम असमानताओं से मुक्त करके एक समतामूलक समाज की स्थापना का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ना चाहिए। ये बात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय में नवें दीक्षांत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कही।
कहा कि वर्ष 2047 में जब देश आजादी की शताब्दी मना रहा होगा, उस वक्त यहां मौजूद तमाम युवा देश का नेतृत्व कर रहे होंगे। उस समय तक समाज विभिन्न भेदभाव और असमानता की बेड़ियों से मुक्त हो चुका होगा। समतामूलक समाज के निर्माण के लिए अभी से जुटना होगा। उन्होंने कहा कि आज बेटों से ज्यादा देश की बेटियां मुल्क नाम रोशन कर रही हैं। महिला सशक्तिकरण का बाबा साहब का सपना अब पूरा हो रहा है।
इस मौके पर स्नातक, परास्नातक, पीएचडी तथा एमफिल एवं अन्य पाठ्यक्रमों के 1424 छात्र-छात्राओं को उपाधि से सम्मानित किया गया। उनमें से छह को राष्ट्रपति ने स्वर्ण पदक प्रदान दिये। राष्ट्रपति ने सावित्रीबाई फुले गर्ल्स हॉस्टल का शिलान्यास भी किया। इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।
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