
अशाेक यादव, लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी की सरकार जब-जब प्रदेश और केन्द्र में आई हमेंशा से कारपोरेट जगत की समर्थक रही है किसान कभी इनके एजेंडे में नहीं रहा है।
उक्त वक्तव्य देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि तीनों काले कृषि कानून आने के पहले मंडियां बनाना शुरू हो गई थी, स्पष्ट है कि कारपोरेट के दबाव में यह कानून ले आया जा रहा था जहां किसानों का हित न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी रूप देने में होता वहीं ऐसा न करके बिना किसानों के सलाह के वह कानून थोपे गये जिससे किसान सड़क पर आ गये।
उन्होंने आगे कहा कि किसानों की शहादत का भी यह सरकार उपहास उड़ा रही है इनके जिम्मेदार मंत्री किसानों को अपशब्दों से नवाजते है जो इस सरकार की मानसिकता दर्शाता है।
किसानों के हित के लिए एमएसपी को कानूनी दर्जा दिलाने के लिए तीनों कानूनों के रद्द करने के लिए हम संघर्ष करते रहेंगें। सरकार के पास किसानों के शहादत का कोई रिकार्ड नहीं है इतनी असंवेदनशीलता इस सरकार को बहुत भारी पड़ेगी।
प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि किसानों के हित में आवश्यक वस्तु अधिनियम जो किसानों को सुरक्षित करता था, कालाबाजारी से रोकता था उसे कारपोरेट के इशारे पर समाप्त करने का प्रावधान लाया गया। खाद्य पदार्थ तेल, आलू, प्याज, दाल, तिलहन को आवश्यक वस्तु मानते हुए कालाबाजारी से रोका जाता था आज बड़े व्यापारियों को कालाबाजारी करने की छूट देने का प्रयास किया जा रहा है।
आज हमारे पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राहुल गांधी जी ने जिस तरह से ट्रैक्टर चलाकर किसानों के समर्थन में संसद पहुंचे, केन्द्र सरकार द्वारा किसानों को खेत बेचने पर मजबूर करने का मुद्दा उठाया उनके निर्देशन में किसानों की लड़ाई हम कानून वापसी तक लड़ते रहेगें।
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