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इतालवी नौसैनिक मामला: कोर्ट ने केंद्र से मारे गए मछुआरों के लिए मुआवजा राशि जमा कराने को कहा

उच्चतम न्यायालय ने केंद्र से फरवरी 2012 में केरल तट के पास इतालवी नौ सैनिकों के हमले में मारे गए दो भारतीय मछुआरों के परिजनों के लिए इटली द्वारा दी गयी मुआवजे की राशि उनके खाते में जमा कराने का शुक्रवार को निर्देश दिया।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत मुआवजे की राशि मछुआरों के परिजनों को दे देगी।

पीठ ने कहा कि खाते में मुआवजा राशि जमा कराने के एक सप्ताह बाद अदालत इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ मामले को बंद करने के लिए केंद्र की याचिका पर सुनवाई करेगी। सुनवाई के दौरान केंद्र की तरफ से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पीड़ितों के परिवार ने मुआवजे के तौर पर 10 करोड़ रुपये से ज्यादा राशि को लेकर सहमति दी है।

मेहता ने कहा कि केंद्र ने इतालवी सरकार से पीड़ितों के परिवार को मुआवजे के लिए मध्यस्थता की थी और इसे उन्होंने स्वीकार किया था। मेहता ने कहा कि केरल सरकार ने विदेश सचिव को बताया है कि उसने पीड़ितों के परिवार से संपर्क किया और उन्होंने सहमति दी है कि मुआवजे को लेकर वे सहमत हैं। मेहता ने कहा, ”मुश्किल ये है कि अंतरराष्ट्रीय अदालत में आपराधिक कार्यवाही लंबित है और अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण का फैसला स्वीकार किया जाता है तो यह मामला ट्रायल कोर्ट के अधीन नहीं होगा।”

केरल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप गुप्ता ने पुष्टि की है कि परिवार ने मुआवजे पर सहमति जतायी है। पीड़ितों में से एक के परिवार की तरफ से पेश अधिवक्ता उन्नी कृष्णन ने पीठ को बताया कि कुछ रकम उन्हें दे दी गयी है, लेकिन न्यायाधिकरण के हिसाब से भुगतान नहीं हुआ है।

इटली के लिए पेश वकील ने कहा कि विदेश मंत्रालय के जरिए भारत में रकम पीड़ितों के परिवार को दी जाएगी। फरवरी 2012 में भारत ने दो इतालवी नौसैनिकों सल्वातोर गिरोने और मासिमिलानो लतोरे पर भारत के एक्सक्लूसिव इकोनोमिक जोन में मछली पकड़ने गए दो भारतीय मछुआरों की हत्या का आरोप लगाया था। घटना के वक्त दोनों इतालवी नौसैनिक इटली के झंडा लगे एक टैंकर पोत एमवी एनरिका लेक्सी पर सवार थे।

पिछले साल सात अगस्त को शीर्ष अदालत ने केंद्र से स्पष्ट कर दिया था कि मुआवजे के लिए पीड़ितों के परिवारों को सुने बिना वह दोनों इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ मामले को बंद करने के अनुरोध वाली याचिका पर कोई आदेश जारी नहीं करेगी। केंद्र ने शीर्ष अदालत से कहा था कि इटली ने भारत सरकार को आश्वस्त किया है कि वह कानून के तहत दोनों नौसैनिकों के खिलाफ मुकदमा चलाएगी और पीड़ितों के परिवारों को अधिकतम मुआवजा दिया जाना सुनिश्चित किया जाएगा।

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