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जामा मस्जिद के शाही इमाम बोले, गोरक्षा के नाम पर मुस्लिमों को मारा गया तो होंगे गंभीर परिणाम

दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर ईद-उल-अजहा यानी बकरीद पर मुस्लिमों की सुरक्षा सुनिश्चित कराने की मांग की है। अपने पत्र में शाही इमाम ने लिखा है कि सरकार यह सुनिश्चित कराए कि बकरीद के मौके पर भैंसों और बकरियों को ढोने वाले लोगों पर कोई जुल्म ना हो। उन्होंने लिखा है, “हमलोग गौकशी के समर्थक नहीं हैं। गाय के साथ किसी धर्म विशेष के लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं। इसलिए हम भी उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं लेकिन जो लोग बकरियों या भैंसों की ढुलाई में लगे हैं और उन्हें जानवरों की रक्षा के नाम पर मारी-पीटा गया तो देश में शांति-सद्भाव का माहौल बिगड़ सकता है।”

बुखारी ने लिखा है कि बकरीद के मौके पर जानवरों की कुर्बानी देना मुस्लिम धर्म की परंपरा रही है और इसमें किसी तरह का व्यवधान नहीं आना चाहिए। बुखारी ने लिखा है कि जब हमलोग किसी के धार्मिक आयोजन में व्यवधान नहीं खड़ा करते तो मुस्लिमों को भी उनकी धार्मिक परंपराओं या रीति-रिवाजों के निर्वहन में किसी को बाधा नहीं डालना चाहिए। बुखारी ने गृह मंत्री को 12 जुलाई को पत्र लिखा है। एक सितंबर को बकरीद मनाया जाना है।

शाही इमाम ने सरकार को ऐसे समय में पत्र लिखा है, जब हाल के दिनों में गौरक्षकों द्वारा देशभर में कई जगह बीफ के शक में मुसलमानों की पिटाई या हत्या की जा चुकी है। पिछले दिनों चलती ट्रेन में जुनैद नाम के एक किशोर की भीड़ ने बीफ के शक में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इसके अलावा करीब साल भर पहले बीजेपी के प्रवक्ता और मौजूदा यूपी सरकार में मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मुस्लिमों से इको फ्रेंडली ईद मनाने का आह्वान किया था। शर्मा की मुहिम को मुस्लिमों ने बिना कुर्बानी के बकरीद मनाने के तौर पर लिया था।

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