
वैज्ञानिकों ने एक गणितीय मॉडल का इस्तेमाल कर अनुमान जताया है कि देश भर में जारी कोविड-19 वैश्विक महामारी की दूसरी लहर अप्रैल के मध्य में चरम पर पहुंच जाएगी जिसके बाद मई अंत तक संक्रमण के मामलों में काफी गिरावट देखने को मिल सकती है।
भारत में कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौरान, ‘सूत्र’ नाम के इस गणितीय दृष्टिकोण ने अनुमान व्यक्त किया था कि संक्रमण के मामले शुरू में अगस्त में बढ़ेंगे और सितंबर तक चरम पर होंगे और फिर फरवरी 2021 में कम हो जाएंगे।
आईआईटी कानपुर के मनिंद्र अग्रवाल समेत अन्य वैज्ञानिकों ने इस मॉडल का प्रयोग संक्रमण के मामलों में वर्तमान वृद्धि की प्रवृत्ति का अनुमान लगाने के लिए किया और पाया कि वैश्विक महामारी की जारी लहर में संक्रमण के रोजाना के नये मामले अप्रैल के मध्य में चरम पर पहुंच जाएंगे।
अग्रवाल ने कहा, “पिछले कई दिनों में, हमने पाया कि इस बात की बहुत आशंका है कि भारत में मामले 15 से 20 अप्रैल के बीच बहुत बढ़ जाएंगे। यह बहुत तेजी से चढ़ता ग्राफ है लेकिन मामलों में गिरावट भी इतनी ही तेजी से होगी और मई के अंत तक मामले बेहद कम हो जाएंगे।’’
Suryoday Bharat Suryoday Bharat