
ट्विटर ने इस बारे में लोगों की राय मांगी है कि माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर नियमों का उल्लंघन करने पर वैश्विक नेताओं के लिए भी क्या अन्य लोगों के समान ही नियम-कायदे लागू होने चाहिए और उनके खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई होनी चाहिए।
ट्विटर ने कहा कि वह वैश्विक नेताओं पर अपने रुख की समीक्षा कर रहा है क्योंकि वह चाहता है कि इस मंच पर राजनीतिक विमर्श की प्रकृति बदलने पर भी उसकी नीतियां प्रासंगिक बनी रहें।
माइक्रोब्लॉगिंग साइट मंच ने एक ब्लॉगपोस्ट में कहा, ”आमतौर पर, हम लोगों से इस बारे में जानना चाहते हैं कि क्या वे ऐसा मानते हैं कि ट्विटर पर वैश्विक नेताओं पर भी अन्य लोगों के समान नियम लागू होने चाहिए। और, क्या किसी वैश्विक नेता को नियम का उल्लंघन करना चाहिए तथा किस तरह की प्रवर्तन कार्रवाई उपयुक्त होगी। ”
शुक्रवार से ट्विटर एक जन सर्वेक्षण के तहत लोगों के विचार मांगेगा, जो नीति का मसौदा तैयार करने में मदद करेगा। सर्वेक्षण 12 अप्रैल तक चलेगा। सर्वेक्षण के तहत प्रश्नावली 14 भाषाओं में उपलब्ध होगी, जिनमें हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, फारसी, अरबी, चीनी,फ्रेंच,इंडोनेशियाई, जापानी, कोरियन, पुर्तगीज, रूसी, स्पेनिश शामिल हैं।
ट्विटर ने बताया कि वह कई मानवाधिकार विशेषज्ञों, नागरिक संस्थाओं और अकादमिक जगत के विशेषज्ञों से विचार-विमर्श करने की प्रक्रिया में जुटा हुआ है। इन लोगों की प्रतिक्रिया मसौदा नीति में आने वाले बदलावों में दिखेंगी। ट्विटर ने कहा, ”आखिरकार, हमारा लक्ष्य एक ऐसी नीति बनाने का है, जो मूलभूत मानवाधिकारों को उपयुक्त रूप से संतुलित रखता हो और वैश्विक संदर्भ को ध्यान में रखता हो…। ”
गौरतलब है कि ट्विटर, फेसबुक और सोशल मीडिया के अन्य मंच वैश्विक नेताओं से व्यवहार के तरीकों को लेकर निगरानी के दायरे में आए हैं। यह जिक्र करना जरूरी है कि ट्विटर ने जनवरी में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट को बंद कर दिया था। उसने अमेरिकी संसद भवन पर ट्रंप समर्थकों के धावा बोलने के बाद हिंसा भड़कने के खतरे का हवाला देते हुए यह कदम उठाया था।
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