
अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों के संचालन के लिए सरकार अध्यादेश लाने की तैयारी में हैं। मंगलवार की शाम सीएम योगी ने इस सम्बन्ध में अधिकारियों की एक अहम बैठक बुलाई है। बैठक में सीएम धार्मिक स्थलों के रखरखाव, पंजीकरण और संचालन से सम्बन्धित अध्यादेश का प्रस्तुतिकरण देखेंगे।
मिली जानकारी के अनुसार सरकार, प्रदेश के मंदिरों, मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थलों के पंजीकरण और संचालन के लिए नियम-कायदे तय करने पर विचार कर रही है। अध्यादेश लाने से पहले सरकार दूसरे राज्यों के कानूनों और प्रस्तावों का भी अध्ययन कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने श्रद्धालुओं की सुविधा और धर्म स्थलों के रखरखाव आदि की व्यवस्था के लिए निर्देश दिए थे। इस सम्बन्ध में एक सर्व सम्मत गाइडलाइन बनाने की कोशिश हो रही है। बैठक में अपर मुख्य सचिव धर्मार्थ कार्य धार्मिक स्थल रजिस्ट्रेशन एवं रेगुलेशन अध्यादेशका प्रस्तुतीकरण देंगे।
गौरतलब है कि पिछले दिनों ने यूपी सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए धर्मार्थ कार्य विभाग में अब निदेशालय का गठन करने का फैसला किया था। अभी तक यह विभाग सिर्फ चार अफसरों के सहारे चल रहा था।
मगर अब निदेशालय बन जाने के बाद इसमें 19 कार्मिक तैनात होंगे। प्रदेश सरकार ने यह फैसला काशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण-सुन्दरीकरण योजना के क्रियान्वयन, काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र परिषद अधिनियम, कैलाश मानसरोवर भवन गाजियाबाद के संचालन और प्रबंधन के अलावा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में सभी धार्मिक स्थलों के रजिस्ट्रेशन और रेग्यूलेशन से सम्बंधित अध्यादेश को बनाए जाने तथा राजगोपाल ट्रस्ट अयोध्या के प्रबंधन आदि महत्वपूर्ण कार्यों को सुचारू से संचालित करने के लिए किया है।
11 दिसम्बर को हुई यूपी कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई और शासनादेश जारी किया गया। अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि अब धर्मार्थ कार्य विभाग में अपर मुख्य सचिव / प्रमुख सचिव की निगरानी में निदेशालय चलेगा। निदेशालय में निदेशक के अलावा 2 संयुक्त निदेशक, एक लेखाधिकारी, 2 कार्यालय अधीक्षक, 3 स्टेनो / आशुलिपिक, 2 स्थापना सहायक, 2 कम्पूयटर सहायक, 3 वाहन चालक और 3 अनुदेशक तैनात होंगे।
इस निदेशालय का मुख्यालय वाराणसी में और उप कार्यालय गाजियाबाद स्थित मानसरोवर भवन में होगा। अभी तक धर्मार्थ कार्य विभाग में विभागीय मंत्री के अलावा अपर मुख्य सचिव, विशेष सचिव, अनुसचिव और अनुभाग अधिकारी ही होते थे। पहले इस विभाग का बजट महज 17 हजार रुपये का होता था। मगर अब 500 करोड़ रूपये से अधिक का है।
धर्मार्थ संस्थाओं और मंदिरों की व्यवस्थाओं के लिए उत्तर प्रदेश में 1985 में धर्मार्थ कार्य विभाग का गठन किया गया था। विभागीय मंत्री के अलावा इसका सिर्फ एक अनुभाग अपर मुख्य सचिव के नेतृत्व में शासन स्तर पर संचालित है। विभाग में निदेशालय की जरूरत काफी समय से महसूस की जा रही थी।
Suryoday Bharat Suryoday Bharat