
कोरोना वायरस से संक्रमित हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को मंगलवार शाम गुड़गांव के मेदांता अस्पताल ले जाया गया। उनके परिवार के सदस्य ने यह जानकारी दी। विज को रविवार रात बेचैनी महसूस होने के बाद रोहतक के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में भर्ती कराया गया था। इससे पहले अंबाला के सिविल अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।
विज के छोटे भाई राजिंदर विज ने पीजीआईएमएस के बाहर पत्रकारों से कहा, ”हम उन्हें मेदांता अस्पताल ले जा रहे हैं क्योंकि हम जिस सुधार की उम्मीद कर रहे थे वह होता हुआ नहीं दिख रहा था।” उन्होंने कहा कि रोहतक के अस्पताल के डॉक्टरों ने उनका ”अच्छी तरह इलाज” किया और उन्हें ”बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध कराईं”, फिर भी (अनिल विज की तबीयत) में खास सुधार नहीं हुआ।
राजिन्दर सिंह से जब पूछा गया कि क्या मंत्री ने सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं कराने की इच्छा जतायी थी तो उन्होंने कहा, ”यह अलग मामला है, लेकिन यह फैसला परिवार ने लिया है।” उन्होंने कहा कि अनिल विज के फेफड़ों में संक्रमण है जबकि उनके स्वास्थ्य से जुड़े अन्य पहलू सामान्य हैं। मेदांता अस्पताल पीजीआईएमएस से लगभग 60 किलोमीटर दूर है।
बता दें कि 20 नवंबर को अनिल विज ने कोरोना की वैक्सीन ‘कोवाक्सीन’ की पहली डोज लगवाई थी। 5 दिसंबर को उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि वे वैक्सीन लेने के बाद भी कोरोना पॉजिटिव हो गए। इसके बाद इस मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय को सफाई देनी पड़ी थी। अनिल विज को भारत बायोटेक और ICMR की ओर से विकसित की जा रही ‘कोवाक्सीन’ की डोज दी गई थी।
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