
रानी मुखर्जी अभिनीत ‘मर्दानी’ को आज रिलीज हुए 6 साल पूरे हो गए हैं। इस फिल्म की लेखिका और सीक्वेल की निर्देशक गोपी पुथरन को लगता है कि महिलाओं पर अच्छी कहानियों की कमी है।
उन्होंने कहा, “यह मेरा अंदाजा है कि एक फ्रेंचाइजी के रूप में ‘मर्दानी’ दर्शकों को इसीलिए भी पसंद आई, क्योंकि महिलाओं पर अच्छी कहानियों का अकाल है।”
उन्होंने कहा, “दोनों फिल्मों में हमने जिन विषयों पर काम किया, उनमें एक संघर्ष दिखाया गया है। एक ऐसी दुनिया में अपनी पहचान बनाए रखने का संघर्ष जिसमें आपको लगातार समझौता करने के लिए कहा जाता है। यही वह चीज है जिसे हमने ईमानदारी के साथ निभाया है।”
उन्होंने आगे कहा, “मुझे लगता है कि हमारी विषयों की गंभीरता और उनसे जुड़े मुद्दों से ईमानदारी से निपटने के काम ने दर्शकों को आकर्षित किया। हम आगे भी ऐसा करना जारी रखेंगे।”
‘मर्दानी’ में जीशु सेनगुप्ता, ताहिर राज भसीन और सानंद वर्मा भी हैं। यह कहानी शिवानी शिवाजी रॉय (रानी) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक पुलिसकर्मी है।
पुथरन का रानी के साथ एक बहुत अच्छा रिश्ता है। उन्हें लेकर पुथरन कहती हैं, “रानी ने वास्तव में इस चरित्र को शानदार तरीके से निभाया है। उन्होंने इस चरित्र में बहुत गहराई और गंभीरता से काम किया है जो बहुत संतोषजनक है।”
उन्हें लगता है कि रानी एक्शन सीन को लेकर सहज हैं। वह कहती हैं, “रानी एक्शन सीन में शानदार रही हैं। ‘मर्दानी’ 1 से लेकर ‘मर्दानी 2’ तक वे सभी एक्शन सीन में बहुत सहज रहीं हैं।”
Suryoday Bharat Suryoday Bharat