
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर एन एस विश्वनाथन ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण भविष्य को लेकर अनिश्चिता है ऐसे वक्त में चाहे जरुरत नहीं भी हो तब भी देश के वाणिज्यिक बैंकों को पूंजी जुटाने की जरुरत है।
उन्होंने कहा कि यदि इस समय जरूरत न हो तो भी संसाधनों को जुटाना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि आगे जरूरत पड़ने पर यह उपलब्ध ही न हो, या बहुत महंगी हो जाए।
विश्वानाथन ने एन्क्यूबे कॉलैबरेशन द्वारा आयोजित एक वेबिनार में कहा, बैंकों को इस समय पूंजी जुटाने की आवश्यकता है। उन्हें पूंजी जुटाने और बचाने की जरुरत है।
ऐसा इसलिए है, क्योंकि जब इसकी जरुरत होगी, तो हो सकता है कि पूंजी उपलब्ध न हो, या अत्यधिक महंगी हो सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार और आरबीआई, दोनों ने कोविड-19 के प्रकोप को सीमित करने के लिए कई उपायों की घोषणा की है।
उन्होंने कहा, हालांकि, भविष्य अनिश्चित है और अर्थव्यवस्था में संकुचन निश्चित है। विश्वनाथन ने कहा कि बैंकों के एनपीए में बढ़ोतरी तय है और ऐसे में बैकों को पर्याप्त रूप से पूंजीकृत करना आवश्यक है और उन्हें लागत-आय के अनुपात को कम करने पर जोर देना होगा।
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