
राहुल यादव, लखनऊ। भारतीय रेल ने अब तक 37 लाख से अधिक यात्रियों के लिए 2813 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई हैं। इनमे से लगभग 60 प्रतिशत ट्रेनें गुजरात, महाराष्ट्र और पंजाब से ओरिजनेट होकर मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश और बिहार के गंतव्यों तक जा रही हैं। कुल श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का 80 प्रतिशत उत्तर प्रदेश और बिहार के विभिन्न गंतव्यों (यूपी के लिए 1301 और बिहार के लिए 973) के लिए चली गई हैं। यूपी में अधिकांश गंतव्य लखनऊ-गोरखपुर सेक्टर और बिहार में पटना के आसपास के हैं। कल से चली कुल 565 गाड़ियों में से 266 बिहार और 172 उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हुईं।
इन गंतव्यों के लिए बड़ी संख्या में एक साथ ट्रेनों के आने से नेटवर्क में कंजेशन हो गया है। इसके अलावा, स्टेशनों पर विभिन्न स्वास्थ्य और सामाजिक दूरी प्रोटोकॉल के पालन किए जाने के कारण यात्रियों के डी-बोर्डिंग में बढ़े हुए समय को टर्मिनलों पर कंजेशन बढ़ने के कारण यह आगे नेटवर्क को कंजेस्ट करता है।
मार्ग में कंजेशन को कम करने के लिए कुछ ट्रेनों को मथुरा, झारसुगुड़ा के रास्ते चलाया गया। इसके अलावा, भारी यातायात वाले मार्गों पर भीड़ से बचने के लिए रूट रैशनलाईजेशन का आदेश जारी किया गया है।
श्रमिक विशेष ट्रेनों की समयपालनता सुनिश्चित करने के लिए ट्रेन चलाने वाले कर्मचारियों को भी संवेदित किया गया है। इन प्रयासों से केंजेशन की स्थिति में काफी कमी आई है और ट्रेनों की गतिशीलता में काफी सुधार हुआ है।
पूर्व में अधिक ट्रेनों की वजह से नेटवर्क कंजेशन के कारण ट्रेनें विलंबित हुई और इससे भोजन वितरण कार्यक्रम प्रभावित हुआ। आईआरसीटीसी और रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में भोजन और पानी की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने और यात्रियों को असुविधा को कम करने के लिए आवश्य संसाधनों की व्यवस्था की है ।
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