
अशाेेेक यादव, लखनऊ। दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग ने नया इमेज सेंसर लॉन्च किया है, जिसका नाम आईसोसेल जीएन1 लॉन्च किया है। यह 50 मेगापिक्सल का इमेज सेंसर है। इस सेंसर में 1.2 μm (माइक्रोन) पिक्सल दिए गए हैं।
यह कंपनी का पहला इमेज सेंसर है ड्यूल पिक्सल और टेट्रासेल दोनों टेक्नोलॉजी के साथ आता है। ज्यादा बड़े पिक्सल्स की वजह से यह सेंसर स्मार्टफोन फोटोग्राफी को एक नए लेवल तक लेकर जाएगा और यूजर को पहले से कही बेहतर फटॉग्रफी का अनुभव मिलेगा। कंपनी ने इस सेंसर का मास प्रॉडक्शन शुरू कर दिया है।
इस नए सेंसर से लो लाइट में शानदार तस्वीरें क्लिक की जा सकेंगी। यह सेंसर DSLR लेवल की ऑटोफोसक स्पीड उपलब्ध कराएगा। इससे यूजर्स को बेहतर इमेज क्वालिटी और अल्ट्रा हाई रेजॉलूशन मिलेगा।
फोन में इतने ज्यादा मेगापिक्सल के बारे में सुनने के बाद लगता है कि डीएसएलआर (डिजिटल सिंगल लेंस रिफ्लेक्शन) कैमरे में अमूमन 20 मेगापिक्सल या उससे कम का कैमरा होता है फिर भी उससे ली गई फोटो मन मोह ले लेती हैं।
दरअसल, फोन और डीएसएलआर कैमरे में मुख्य अंतर सेंसर के आकार का होता है। कैमरे के काम करने के पीछे सेंसर मूल तकनीक है। सेंसर का काम लेंस के माध्यम से आने वाली सभी लाइट को कैद करना होता है।
ऐसे में अगर सेंसर का आकार बड़ा होगा तो वह ज्यादा मात्रा में लाइट कैद करेगा, फोटो में ज्यादा डिटेल्ड दिखाई देगी। डीएसएलआर में दिए गए 18 मेगापिक्सल के कैमरे से ली गई तस्वीर की क्वालिटी फोन के 48 मेगापिक्सल के कैमरे से ली गई फोटो की तुलना में कहीं ज्यादा अधिक होती है।
एक सेंसर का काम तो लाइट को कैद करना होता है, मगर उसके बाद सभी लाइट को इमेज प्रोसेसर एक इलेक्ट्रोनिक सिग्नल में बदला जाता है। इसके बाद यह सिग्नल एक पजल की तरह एक क्रम में लगाने का काम इमेज प्रोसेसर करता है, जिसकी अहमियत कई बार नजर अंदाज कर दी जाती है।
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