
लखनऊ, 21 मार्च। मध्य प्रदेश का सियासी ड्रामा 17 दिन बाद शुक्रवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के इस्तीफे के साथ समाप्त हो गया। कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन से मिल कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा।
इसके बाद सूबे में भाजपा की सरकार का बनना तय माना जा रहा है लेकिन सबके मन में यह सवाल आ रहा है कि क्या पार्टी शिवराज सिंह चौहान को सीएम बनाएगी या फिर उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड और अन्य राज्यों की तरह किसी नये चेहरे पर भरोसा करेगी
मध्य प्रदेश के पूर्व एवं भावी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वही किया जो वे अमूमन करते हैं। वे एक मिलनसार नेता की तरह अपने विरोधी और निवर्तमान मुख्यमंत्री कमलनाथ के घर पहुंचे और उनसे मुलाकात की।
खास बात यह है कि शिवराज के नेतृत्व में ही भाजपा ने न केवल प्रदेश कांग्रेस पार्टी में बड़ा सेंध लगाकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को तोड़ लिया, बल्कि कमलनाथ की सरकार भी गिरा दी
इसी के साथ मध्य प्रदेश विधानसभा के स्पीकर ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया. इससे पहले कमलनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा पर साजिश कर साढ़े सात करोड़ लोगों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया। कहा कि भाजपा ने लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की. कहा कि इन्होंने करोड़ों खर्च कर खरीद-फरोख्त का खेल खेला है।
राज्यपाल को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा सौंपने के बाद कमलनाथ अब राज्य के केयरटेकर सीएम बनाये गये हैं। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि लोकतंत्र को होटल डिप्लोमेसी ने हरा दिया।
वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मध्य प्रदेश में हमने जो भी देखा, वह लोकतंत्र की हत्या है।
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