
लखनऊ। झारखंड की बिहार, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे गढ़वा जिला में शुक्रवार देर रात से शनिवार तक हुई बारिश ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया।
प्रखंड के एक गांव में इतने ओले गिरे कि खपरैल और एसबेस्टस की छतें चूर-चूर हो गयीं। कच्चे मकान के छत भी तेज हवाओं और बारिश की वजह से टूट गये हैं।
रंका प्रखंड के गासेदाग गांव में प्रकृति के इस कहर की वजह से 300 लोगों को एक स्कूल में शरण लेनी पड़ी। कई लोगों के घर की छत टूट गयी, तो कुछ लोगों के घरों में पानी घुस गया। मुश्किल आन पड़ी कि रात कहां बितायेंगे। तब सभी लोगों ने उत्क्रमित मध्य विद्यालय गासेदाग में शरण ली।
वर्षा और ओलावृष्टि ने सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को पहुंचाया है। उनकी लगभग पूरी फसल बर्बाद हो गयी है। खेतों में लगी गेहूं और अरहर की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। गेहूं के खेतों में पानी जम गये हैं। ओलावृष्टि की वजह से अरहर की फलियां झर गयी हैं।
मुश्किल यह है कि जिनके घरों की छत टूट गयी है, उनके पास अब तक राहत नहीं पहुंची है। छोटे-छोटे बच्चे भूखे हैं. उन्हें खाने को कुछ नहीं मिल रहा। उल्लेखनीय है कि शनिवार और रविवार को गढ़वा जिला के सभी प्रखंडों में मूसलाधार बारिश के साथ-साथ ओलावृष्टि भी हुई।
इससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। अब जब मौसम थोड़ा साफ हुआ है, तो मालूम हो रहा है कि प्रकृति ने किस कदर इस जिले में कहर बरपाया है।
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