पांच दिवसीय दीपोत्सव महापर्व धनतेरस के साथ आज से शुरू हो रहा है। दिवाली से दो दिन पूर्व कार्तिक मास की त्रयोदशी को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार धनतेरस पर नई वस्तु खरीदने का विशेष महत्व है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार धनतेरस पर भगवान धनवंतरि, कुबेर व यमराज की पूजा होती है। इस दिन आटे का दीपक जलाकर देवताओं की आराधना करने से कृपा बरसती है। इसके बाद नरक चौदस, छोटी दीपावली, महालक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजन और भाईदूज के साथ महापर्व का समापन होगा। सोरों के पंडित रामखिलावन शास्त्री का कहना है कि धन त्रयोदशी पर एक बर्तन में अन्न रखें और उस पर आटे का दीपक बनाकर तेल या घी से जलाएं। यह दीपक घर की दक्षिण दिशा में रखें। क्योंकि दक्षिण दिशा के स्वामी यमराज हैं और यह दिशा पितरों की मानी गई है। इस दिन भगवान धनवंतरि और कुबेर की पूजा करें। इस दिन चांदी या किसी धातु के बर्तन को खरीदना शुभ रहता है। मिट्टी की बनी हुई मां-लक्ष्मी की दीपों की मूर्ति खरीदें। इस दिन झाड़ू की पूजा भी शुभ मानी गई है। 
यह है शुभ समय
धनतेरस शुभ मुहूर्त और पंचांग
धनतेरस तिथि- 25 अक्टूबर
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ- शाम 7 बजकर 8 मिनट
त्रयोदशी तिथि समाप्त- 26 अक्टूबर दोपहर 3 बजकर 36 मिनट पर
धनतेरस पूजा मुहूर्त- 25 अक्टूबर 2019
शाम 7. 08 मिनट से 08. 14 तक
प्रदोष काल- शाम 05.38 मिनट से रात 08.13 तक
वृषभ काल- शाम 06.50 मिनट से रात 08.45 मिनट तक
धनतेरस के दिन खरीदें ये चीजें
धनतेरस पर सोना, चांदी, पीतल, स्टील से बनी चीजें खरीदना शुभ रहता है। इन चीजों को खरीदने से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। धनतेरस पर झाड़ू खरीदने की प्रथा है। ऐसा माना जाता है झाड़ू मां लक्ष्मी को बहुत ही प्रिय होती है।
पांचों दिनों से जुड़ा है धनतेरस का महत्व
धन त्रयोदशी पर्व का महत्व पांच दिनों तक पूजा से जुड़ा है। इस दिन से दीपोत्सव पर्व शुरू होता है। इसके अलग दिन नरक चर्तुदर्शी पूजा का महत्व है। धन त्रयोदशी पर किसी गरीब व्यक्ति को पीले वस्त्रदान करें और भोजन करें और उसके बाद पांच दिवसीय दीपोत्सव पर्व की पूजा अर्चना करें तो लाभ मिलेगा।
Dhanteras 2019: आप पर होगी भगवान धन्वंतरि की कृपा, इस शुभ मुहूर्त में करें खरीदारी
        Loading...
    
        
Suryoday Bharat Suryoday Bharat