लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्ट्रेशन (एनआरसी) का ड्राफ्ट जारी करने का काम राज्य पुलिस ने शुरू कर दिया है। इसके लिए मंगलवार को सभी जिलों के पुलिस कप्तानों, आईजी, डीआईजी रेंज व एडीजी जोन को पत्र भेजकर इस पर निर्देश जारी कर दिए गए हैं। एनआरसी के लिए राज्य पुलिस मुख्यालय ने जो मसौदा तैयार किया है, उसमें सभी जिलों के बाहरी छोर पर स्थित रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, रोड के किनारे व उसके आसपास नई बस्तियों की पहचान की जाएगी जहां बांग्लादेशी व अन्य विदेशी नागरिक अवैध रूप से शरण लेते हैं। सतकर्ता के साथ सत्यापन के इस कार्य की वीडियो रिकॉर्डिंग कराई जाएगी। जांच में अगर संबंधित व्यक्ति अपना पता अन्य राज्यों, जिलों में बताता है तो समयबद्घ तरीके से उसका सत्यापन कराया जाएगा।
पुलिस यह भी पता लगाएगी कि विदेशी नागरिकों ने अपने प्रवास को नियमित करने के लिए कौन-कौन से फर्जी अभिलेख व सुविधाएं ली हैं। इसमें राशन कार्ड, वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, शस्त्र लाइसेंस, पासपोर्ट व आधार कार्ड हो सकते हैं। इन फर्जी अभिलेखों व सुविधाओं के बारे में जांच पूरी होने पर उनके निरस्तीकरण की कार्रवाई होगी। इतना ही नहीं यह सुविधाएं मुहैया कराने वाले बिचैलियों व विभागीय कर्मचारियों पर भी कार्रवाई होगी। सूत्रों ने बताया कि अवैध रूप से रहने वाले लोगों की ऊंगलियों के निशान लिए जाएंगे और उन्हें फिंगर प्रिंट ब्यूरो को सत्यापन के लिए भेजा जाएगा। ऐसे सभी लोगों को बाहर निकाला जाएगा जो अवैध रूप से राज्य में रह रहे हैं। सूची में ऐसे भी नाम हो सकते हैं जो किसी जिले के फरार अपराधी हैं।
यूपी में शुरू हुआ एनआरसी पर काम, अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों पर गिरेगी गाज
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