लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यह घोषणा की है कि ट्रिपल तलाक की पीड़िताओं और पति द्वारा छोड़ी गयी महिलाओं को प्रदेश सरकार साल में छह हजार रुपये की आर्थिक सहायता देगी. उन्होंने कहा कि पीड़ित महिलाओं की पहचान की जायेगी और उन्हें तबतक यह सहायता दी जायेगी जब तक कि उन्हें इंसाफ नहीं मिल जाता। योगी आदित्यनाथ 28 सितंबर को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कश्मीरी छात्रों को संबोधित करेंगे. वे कश्मीरी छात्रों के साथ आर्टिकल 370 और 35 ‘ए’ पर भी चर्चा करेंगे.गौरतलब है कि सरकार ने ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून तो बना दिया है, लेकिन अभी भी ट्रिपल तलाक के कई मामले सामने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को राजधानी लखनऊ में देशभर से आईं 300 तलाक पीड़िताओं से मिले। इस दौरान पीड़ित महिलाओं ने अपना दुख-दर्द मुख्यमंत्री से साझा किया। साथ ही न्याय दिलाने की बात कही। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री का अभिनंदन करता हूं जिन्होंने तलाक की कुप्रथा पर प्रहार किया। मुस्लिम समाज में बंदिशें बहुत ज्यादा हैं। योगी ने कहा कि एक साल में प्रदेशभर से 273 मामले सामने आए थे। तीन तलाक की पीड़ित महिलाओं से बात करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महिलाओं का मुकदमा सरकार लड़ेगी। ट्रिपल तलाक से पीड़ित महिलाओं को 6000 रुपये अनुदान देने की योजना बनाई जाएगी। इसके अलावा अगर ऐसी महिला के पास घर नहीं है तो उन्हें आवास देने, उनके बच्चों की पढ़ाई, स्कॉलरशिप और आयुष्मान योजना के तहत स्वास्थ्य कवर भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसी महिलाओं के कल्याण के लिए कोई विशेष योजना बनाई जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान तीन तलाक की पीड़ित महिलाओं ने अपना दुखड़ा उन्हें सुनाया। रेशमा बानो नाम की महिला ने कहा कि जबतक ये कानून नहीं था जीने का आसरा खत्म हो रहा था, लेकिन इस कानून से उन्हें इंसाफ की उम्मीद मिली है। अमरोहा की रहने वाली नेशनल खिलाड़ी सुमेरा जावेद ने सीएम का धन्यवाद देते हुए कहा कि उसने देश दुनिया में यूपी का नाम रोशन करने की कोशिश की लेकिन महिला होने जी वजह से वो घर की लड़ाई हार गई, इस खिलाड़ी ने खुद पर बीते जुल्म को मंच से शेयर किया। सुमेरा ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को हक दिलाने का काम बीजेपी ने किया है, ये काम कोई और नहीं कर सकता था। उन्होंने मांग की कि तलाकशुदा महिलाओं को नौकरी देने का प्रावधान होना चाहिए। सिद्धार्थनगर से आई हसीना ने कहा कि उनके 2 बच्चे हैं बावजूद इसके घरवालों ने उन्हें घर से निकाल दिया। पुलिस भी सुनवाई नहीं कर रही है। ऐसे में अब उन्हें मुख्यमंत्री से ही मदद की आस है।