चेन्नई: मद्रास उच्च न्यायालय ने गुरुवार को राजीव गांधी हत्याकांड की दोषी नलिनी श्रीहरन की याचिका खारिज कर दी। याचिका में नलिनी ने मामले के दोषी और आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे सभी सात लोगों को समयपूर्व रिहा करने की सिफारिश पर फैसला करने लिए राज्यपाल पर जोर डालने के मकसद से सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया था। न्यायमूर्ति आर. सुब्बैया और न्यायमूर्ति सी. सरवणन की खंडपीठ ने याचिका खारिज करते हुए फैसले में कहा, पहले ही मंत्रिपरिषद नलिनी और अन्य छह को समयपूर्व रिहा करने की अनुशंसा राज्यपाल से कर चुकी है। ऐसे में उसकी याचिका पर विचार करके उन्हें निर्देश देने की जरूरत नहीं।
नलिनी ने 9 सितंबर 2018 को पारित तमिलनाडु सरकार के प्रस्ताव के आधार पर याचिका दायर की थी। प्रस्ताव में मंत्रिमंडल ने राज्यपाल से नलिनी, उसके पति श्रीहरन उर्फ मुर्गन, पेरारीवलन, रॉबर्ट पयास, जयकुमार, रविचंद्रन और संथन को रिहा करने की अनुशंसा की थी। गौरतलब है कि एलटीटीई के आत्मघाती हमलावर ने 21 मई 1991 को श्रीपेरम्बदुर में आयोजित चुनावी रैली में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी थी। याचिका में नलिनी ने मामले के दोषी और आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे सभी सात लोगों को समयपूर्व रिहा करने की सिफारिश पर फैसला करने लिए राज्यपाल पर जोर डालने के मकसद से सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया था।
Suryoday Bharat Suryoday Bharat