लखनऊ। रविवार को स्थानीय हजरतगंज स्थित मुकीम रेस्टोरेन्ट में लखनऊ बंगीय नागरिक समाज ने अपनी मासिक बैठक में खुदीराम बोस एवं प्रफुल्ल कुमार चाकी के 111वें बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। सर्वप्रथम दोनों बलिदानियों के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित की गयी। रोहित अग्रवाल, एस0सी0सिंघल , रणवीर बजाज, एन0सी0अग्रवाल, डाॅ0 रंगनाथ मिश्र ’सत्य’ , प्रकाश कुमार दत्ता आदि ने भी अपनी-अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रकाश कुंमार दत्ता मुख्य संयोजक ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए खुदीराम बोस एवं प्रफुल्ल कुमार चाकी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर चर्चा करते हुए कहा कि 30 अप्रैल 1908 को खुदीराम बोस एवं प्रफुल्ल कुमार चाकी ने अत्याचारी अंग्रेजों के ऊपर बम फेंक कर ब्रिटिश सरकार को दहला दिया था।
जहां प्रफुल्ल कुमार चाकी ने 1 मई 1908 को अपना आत्म बलिदान दिया वहीं खुदीराम बोस को 11 अगस्त 1908 को अंग्रेजों ने फांसी पर लटका दिया था। सभा में श्रीमती रत्ना बापुली साधारण संयोजक ने कहा कि अगर अंग्रेज निरीह सुशील सेन की अगर किंग्स फोर्ड पिटाई न करते तो यह कांड न होता । श्रीमती मानसी दत्ता जी ने कहा कि 1905 में अंग्रेजों ने बंगाल का विभाजन करवाकर देश को आहत किया था। इसलिये पूरे देश में विद्रोह की लहर फैल गयी थी। ऐसे वीरों को हमेशा याद रखना चाहिये। सभा में आगामी कार्यक्रम ईश्वर चन्द्र विद्यासागर जी के 199वें जन्मदिन के आयोजन की भी चर्चा हुई।
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