महिलाओं के शरीर को कई तरह की बीमारियों व इंफेक्शन का खतरा रहता है। ज्यादातर महिलाएं छोटी मोटी इंफेक्शन होने पर डॉक्टर या परिवार में किसी को न बात कर खुद ही उनका इलाज कर लेती है या उन्हें अनदेखा कर देती है। कई बार इस तरह अनदेखा की जाने वाली इंफेक्शन ज्यादा बढ़ जाती है। इन्हीं मे सबसे महिलाओं के वजाइना में यीस्ट इंफेक्शन की समस्या पाई जाती है। पब्लिक टॉयलट का ज्यादा इस्तेमाल करने, सही लाइफस्टाइल का न होने के कारण इस समस्या का सामना करना पड़ता है। महिलाएं इसके बारे में शर्म व किसी न किसी कारण किसे से शेयर नही करती है लेकिन इस इंफेक्शन को अनदेखा न कर सही समय पर डॉक्टर के साथ इस बारे में बात करनी चाहिए। चलिए आज आपको बताते है क्यों व किस तरह वजाइना में इंफेक्शन फैलती है।
इन्फेक्शन का कारण
कैंडिडा अल्बिकंस जो कि फंगस की तरह होता है। वजाइना का एसिडिक पीएच इस फंगस को बढ़ने से रोकता है लेकिन कई बार जब मौसम के किसी कारण पीएच का लेवल कम हो जाता है तो यह फंगस आसानी से बढ़ जाती है। वजाइना में बढ़ती हुई नमी व जलन भी यीस्ट को बढ़ाती है। जिस कारण वजाइना में खुजली होती है।
लक्षण
योनी के चारों ओर रेडनेस यानी लालिमा, खुजली और जलन
असामान्य डिस्चार्ज यानी निर्वहनय बेईमानी, मोटी, सफेद
संभोग के दौरान दर्द
यूरिन करने में दर्द
क्या करें ?
डॉक्टर को जरूर कंसल्ट करें।
बाहरी वजाइना में खुजली से राहत के लिए क्रीम या नारियल तेल का उपयोग करें।
एक बार ओरल पिल जैसे की एंटी-फंगल और एंटी-माइक्रोबियल ले।
बरतें सावधानी
नायलॉन की तरह चुस्त कपड़े और सिंथेटिक सामग्री से बचें। केवल सूती अंडरवियर पहनें।
बाथरूम का उपयोग करने के बाद आगे से पीछे की ओर पोंछें।
तुरंत गीले स्विम सूट को बदलें।
पानी या किसी भी लिक्विड को वजाइना में न जाने दे।
वजाइना के आसपास के हिस्सों को रोजाना साफ करें।
सुगंधित उत्पाद जैसे साबुन, स्नान उत्पाद सैनिटरी उत्पाद को भी साफ रखे।
वजाइना में होती है यीस्ट इंफेक्शन तो इन बातों का रखें ध्यान
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