ब्रेकिंग:

फिर इंसानियत हुई शर्मसार, कंधे पर बेटे की लाश लेकर घंटों अस्पताल में भटकता रहा पिता

लखीमपुर-खीरी। जिला अस्पताल में एक बार फिर इंसानियत शर्मसार हो गई। बेटे की लाश को कंधे पर लेकर घंटों भटकने के बाद भी लाचार पिता को उसको ले जाने को शव वाहन नहीं मिल सका। यही नहीं, स्वास्थ्य महकमे के डॉक्टर ही बच्चे की बीमारी को लेकर भी कंफ्यूज रहे। पहले उसको बुखार से बेहाल बताया। इसके बाद मौत हो जाने पर उसको सेप्टी एनीमिया से ग्रस्त दर्ज किया गया।नीमगांव में रहने वाले तैयब खां का सात साल के बेटे सज्जाद की जिला अस्पताल के चिल्ड्रेन वार्ड में चल रहे इलाज के दौरान मौत हो गयी। मौत होने के बाद बच्चे के पिता का काफी देर तक शव वाहन दिलाने के नाम पर इंतजार कराया गया।

इसके बाद भी शव वाहन न मिलने से परेशान पिता को बेटे की लाश को कंधे पर लेकर अस्पताल के चक्कर लगाने पड़े। थक-हार कर पिता ने अपने एक रिशतेदार को फोनकर बाइक मंगाकर उसपर ही बेटे की लाश लेकर घर के लिए गया।बीमारी को लेकर डॉक्टर कंफ्यूज जिला अस्पताल में सज्जाद को भर्ती कराते समस मौजूद डॉक्टर ने बुखार और गैस्टिक से परेशान दर्ज कर चिल्ड्रेन वार्ड में भर्ती कर दिया। इस दौरान उसका इलाज भी चला। बाल रोग विभाग के डॉक्टर ने उसका बाहर से एक्स-रे और अन्य जांच भी की। साथ ही जिला अस्पताल से भी जांच कराई गयी।

बच्चे की मौत के बाद उसको सेप्टी एनीमिया दर्ज कर दिया गया।डोनर न होने से नहीं मिला ब्लड सज्जाद को भर्ती के दौरान डॉक्टरों ने ब्लड चढ़ाने को भी कहा। इस पर डोनर न होने पर बच्चे के पिता को ब्लड़ नहीं मिल सका। इसकी जानकारी होने पर सीएमएस ने ब्लड देने का निर्देश दिया।जब तक ब्लड मिल पाता बच्चे की जान चली गयी। बच्चे की गंभीर हालत देखकर डॉक्टर ने उसका रेफर भी बना दिया। पिता ने आर्थिक स्थिति सही नहीं होने पर ले जाने से इंकार कर दिया। इसके बाद उससे बीएसटी पर लिखा कर कागजी कार्रवाई भी पूरी कर ली।

Loading...

Check Also

भाषा विवि का नैक पीयर टीम ने देखा प्रेजेंटेशन : संकायाध्यक्षों, विभागाध्यक्षों, शिक्षकों से किया संवाद

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ के नैक मूल्यांकन …

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com