कोलकाता: महानगर के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में सोमवार की रात एक रोगी की मौत को लेकर शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब इस घटना का असर एनआरएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के साथ-साथ राज्य के और चार मेडिकल कॉलेजों में देखने को मिल रहा है. राज्य के पांच मेडिकल कॉलेज के जूनियर चिकित्सक हड़ताल पर चले गये हैं. एनआरएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के बाद महानगर के एक और बड़े सरकारी अस्पताल कोलकाता मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, उत्तर 24 परगना जिले में कमरहट्टी के पास स्थित सागर दत्ता हॉस्पिटल, नदिया स्थित कल्याणी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल व मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के जूनियर डॉक्टरों ने भी हड़ताल शुरू कर दिया है. उल्लेखनीय है कि एनआरएस हॉस्पिटल में रोगी की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया था और इसके बाद जूनियर डॉक्टरों व रोगी के परिजनों के बीच जमकर मारपीट हुई थी. घटना के बाद पुलिस वहां पहुंच कर मामले को शांत कराया था. लेकिन घटना के बाद से जूनियर डॉक्टरों ने अस्पताल के गेट पर ताला लगाकर पूरा काम ठप कर दिया है.जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि जब तक सुरक्षा और उनकी अन्य मांगे पूरी नहीं होती है, तब तक वे लोग काम पर नहीं लौटेंगे. वे लोग गेट पर धरना पर बैठे हुए हैं. खबर मिलते ही राज्य के स्वास्थ्य निदेशक अस्पताल पहुंचे हैं और चिकित्सकों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन जूनियर डॉक्टर अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. इस बीच अस्पताल के गेट पर ताला होने की वजह से सुदूर जिलों से आए मरीजों और उनके परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
उल्लेखनीय है कि एनआरएस हॉस्पिटल में रोगी की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया था और इसके बाद जूनियर डॉक्टरों व रोगी के परिजनों के बीच जमकर मारपीट हुई थी. घटना के बाद पुलिस वहां पहुंच कर मामले को शांत कराया था. लेकिन घटना के बाद से जूनियर डॉक्टरों ने अस्पताल के गेट पर ताला लगाकर पूरा काम ठप कर दिया है.जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि जब तक सुरक्षा और उनकी अन्य मांगे पूरी नहीं होती है, तब तक वे लोग काम पर नहीं लौटेंगे. वे लोग गेट पर धरना पर बैठे हुए हैं. खबर मिलते ही राज्य के स्वास्थ्य निदेशक अस्पताल पहुंचे हैं और चिकित्सकों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन जूनियर डॉक्टर अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. इस बीच अस्पताल के गेट पर ताला होने की वजह से सुदूर जिलों से आए मरीजों और उनके परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
पश्चिम बंगाल के पांच मेडिकल कॉलेजों में जूनियर डॉक्टरों ने शुरू की हड़ताल
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