नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 में बेगूसराय के बाद अब वाराणसी ने एक बार फिर से मीडिया की सुर्खियों में अपनी जगह बना ली है. वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ अब सपा-बसपा गठबंधन की ओर से बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव (तेजबहादुर यादव) चुनावी मैदान में उतर चुके हैं. समाजवादी पार्टी (SP) की टिकट पर पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे बीएसएफ के पूर्व जवान तेजबहादुर यादव ने अपनी जीत की दावेदारी पेश की है. सपा के ऐलान के बाद पहली प्रतिक्रिया देते हुए तेजबहादुर यादव ने कहा कि अब लोगों को पहचानना होगा कि देश का असली चौकीदार कौन है.
उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी (SP) प्रत्याशी तेजबहादुर यादव ने कहा, “हमारे मुद्दे जवान, किसान और नौजवानों के लिए नौकरियां हैं. लोगों को पहचानना चाहिए कि देश का असली चौकीदार कौन है. मुझे जीत का भरोसा है.” बता दें कि तेज बहादुर यादव ने बीएसएफ में रहते हुए खराब खाने की शिकायत की थी, जिसके बाद उन पर कार्रवाई की गई और उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था. समाजवादी पार्टी ने हाल ही में शालिनी यादव को वाराणसी से उम्मीदवार बनाया था. मगर सोमवार को समाजवादी पार्टी ने शालिनी यादव का टिकट काटकर तेज बहादुर यादव को अपना उम्मीदवार बनाया.
बता दें कि शालिनी यादव कांग्रेस के पूर्व सांसद और राज्यसभा के पूर्व उपसभापति श्यामलाल यादव की पुत्रवधू हैं. वाराणसी में अंतिम चरण में 19 मई को चुनाव होने हैं. बता दें कि बीते चुनाव में BJP प्रत्याशी के रूप में विजयी रहे नरेंद्र मोदी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी अरविंद केजरीवाल को वाराणसी सीट से कुल 3,71,784 वोटों के भारी अंतर से हराया था. नरेंद्र मोदी को कुल 5,81,022 वोट मिले थें. वहीं, दूसरे स्थान पर रहे अरविंद केजरीवाल को 2,09,238 मत मिले. जबकि कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय 75,614 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. वहीं चौथे स्थान पर बहुजन समाज पार्टी और पांचवें स्थान पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार थे.
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