नई दिल्ली: बंद हो चुकी जेट एयरवेज की मुश्किलें धमने का नाम नहीं ले रही हैं। लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रही जेट एयरवेज के रिवाइवल की गुंजाइश भी कम लग रही है। एक समय था जब धड़ाम हुई जेट भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी थी। जेट के शेयर भी लगातार गिरते ही जा रहे हैं। अब विमानन कंपनी का बंद होने का फायदा विदेशी एयरलाइन उठा रही हैं। 17 अप्रैल 2019 की तारीख देश के विमानन इतिहास में याद रखी जाएगी क्योंकि इसी दिन जेट एयरवेज के विमान ने अपनी आखिरी उड़ान भरी थी। इसके बाद अनिश्चितकाल के लिए इस कंपनी की सेवाएं बंद हो गई हैं। जेट के करीब एक मिलियन यात्रियों पर अब विदेशी एयरलाइन की नजर है।
पिछले एक साल में भारत से दुबई, लंदन, न्यूयॉर्क, सिंगापुर और बालि जाने का किराया चार फीसदी से लेकर 32 फीसदी तक बढ़ा है। मई और जून में यात्रियों की संख्या और भी बढ़ जाती है। यात्रा डॉट कॉम के अनुसार पिछले एक साल में भारत से लंदन तक का किराया 36 फीसदी बढ़ गया है। वहीं सैन फ्रैंकिस्को जाने के लिए यात्रियों को 20 फीसदी ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो आगानी तीम महीनों में हवाई यात्रा का किराया और भी बढ़ेगा। उनका कहना है कि कम से कम जून तक किराए में हुई वृद्धि जारी रहेगी। जेट एयरवेज के धड़ाम होने से यात्री विदेशी एयरलाइंस में सफर कर रहे हैं। ब्रिटिश एयरवेज, कैथी पैसिफिक एयरवेज, सिंगापुर एयरलाइंस और यूनाइटेड एयरलाइंस में भारतीय यात्रियों की संख्या में 27 फीसदी की वृद्धि हुई है।
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