लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारियों को बेमौसम बारिश तथा ओलावृष्टि से हुयी जनहानि, पशु हानि एवं मकान क्षति से प्रभावित व्यक्तियों को 24 घण्टे के भीतर सहायता राशि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों को राहत एवं मदद पहुंचाने के कार्य में कोताही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। मुख्यमंत्री ने राज्य आपदा मोचक निधि के दिशा-निर्देशों के अनुरूप पीड़ितों को वित्तीय मदद उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। इस दैवीय आपदा के प्रत्येक मृतक के आश्रितों को 04 लाख रुपये की सहायता राशि तत्काल वितरित की जाये। उन्होंने जिलाधिकारियों को यह निर्देश भी दिये हैं कि वे अपने-अपने जनपद में फसलों को हुये नुकसान का तत्काल आकलन करें।
उन्होंने कहा कि फसल क्षति का 48 घण्टे के भीतर कृषकवार सर्वे कराया जाये। जिन किसानों की बोई गई फसलों में 33 प्रतिशत से अधिक की क्षति हुई है, ऐसे प्रभावित किसानों को कृषि निवेश अनुदान वितरित किया जाये। इस सम्बन्ध में धनराशि का मांग पत्र शासन को तत्काल उपलब्ध कराया जाये। यह जानकारी आज यहां देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश के अधिकांश जनपदों में बेमौसम वर्षा एवं कहीं-कहीं वर्षा के साथ ओलावृष्टि भी हो रही है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार अगले कुछ दिनों तक प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश और ओलावृष्टि की सम्भावना बनी हुई है। इसके दृष्टिगत मुख्यमंत्री जी ने प्रभावित व्यक्तियों को समय से मदद पहुंचाने के लिये स्थानीय प्रशासन को निर्देशित किया है।
प्रवक्ता ने बताया कि जिलाधिकारियों को यह निर्देश भी दिये गये हैं कि आपदा पीड़ितों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिये यदि किसी जनपद में धनराशि उपलब्ध न हो, ऐसी स्थिति में सम्बन्धित जिलाधिकारी कोषागार नियम-27 के अन्तर्गत धनराशि आहरित करते हुये प्रभातिवों को राहत पहुंचायें। इस धनराशि के समायोजन के लिये शासन को प्रस्ताव भी प्रेषित करें। प्रवक्ता के अनुसार 14-15 फरवरी, 2019 को वर्षा, आंधी-तूफान, आकाशीय विद्युत एवं ओलावृष्टि से हुई क्षति का विवरण देते हुए बताया कि दैवीय आपदा से विभिन्न जनपदों में 26 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है तथा 05 लोग घायल हुये हैं। इसके अलावा 09 पशु हानि भी हुई हैं।
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