लखनऊ। एक ओर भाजपा सरकार एक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को छात्रों के आयोजन में भाग लेने हेतु इलाहाबाद जाने से रोकने का घोर अलोकतांत्रिक कदम उठाती है वहीं दूसरी ओर प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी- ए॰ एम॰ यू॰ पर हमला बोलने के लिए अपनी अराजक फौज भेज कर दंगा भड़काने की साजिश रचती है। दोनों ही घटनाएँ बेहद आपत्तिजनक हैं जिनकी सभी लोकतान्त्रिक शक्तियों को निंदा करनी चाहिए। इतना ही नहीं कल की घटनाओं से बौखलाये संघ गिरोह ने अलीगढ़ और उसके बहाने देश के अन्य भागों में सांप्रदायिक विभाजन को बढ़ाने के उद्देश्य से एएमयू में मन्दिर बनाने हेतु कार सेवा करने का ऐलान कर दिया और दंगाइयों की भीड़ को आज एएमयू की ओर कूच करा दिया। यदि पुलिस ने उन्हें रोका न होता तो कुछ भी अनहोनी होसकती थी। 
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने यहाँ जारी एक प्रेस बयान में कहा कि ये घटनायें इस बात की ओर इशारा करती हैं कि अपना जनाधार खिसकने से भाजपा बेहद परेशान है और 2019 में वोट हासिल करने को सांप्रदायिक लपटें पैदा करने पर आमादा है। लेकिन संतोष की बात यह है कि अब आम जनता उनके हथकंडों को भली भांति समझ गयी है और उन्हें हर बार मुंह की खानी पड़ रही है। डा॰ गिरीश ने कहाकि जो लोग एएमयू में मुस्लिम फ्रंट बनाए के नाम पर मीटिंग कर रहे थे उनका उद्देश्य भाजपा के हाथ में एक मुद्दा देना था। भाकपा उसकी भी आलोचना करती है। हर दिन एएमयू को लक्ष्य बनाकर कुछ न कुछ उत्पात मचाने वाली भाजपा को उन्होने फिर से एक मुद्दा थमा ही दिया। अब कल की मारपीट में शामिल एएमयू छात्रों पर देशद्रोह के आरोप मढ़ने की साजिश रची जारही है, परन्तु देशद्रोह का आरोप अगर किसी पर बनता है तो उन संघियों पर बनता है जो कल एएमयू पर हमला बोलने पहुंचे थे।
डा॰ गिरीश ने सवाल कियाकि जब इलाहाबाद में धर्म संसद के नाम पर एकत्रित दंगाइयों की भीड़ से कुंभ की फिजा नहीं बिगड़ी तो एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय में एक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष के जाने से क्या आसमान टूट पड़ता? उन्होने यह भी सवाल उठाया है कि जब भाजपा आज तक अयोध्या में मन्दिर का निर्माण नहीं करा सकी तो उसके द्वारा एएमयू में मन्दिर निर्माण का शिगूफा उछालना एक विध्वंसकारी षड्यंत्र नहीं तो क्या है? सच तो यह है कि मोदी और योगी की सरकारें हर तरह से बेनकाब होगयीं हैं और अब वे तानाशाही, दादागीरी और सांप्रदायिकता के बल पर ही चुनावी लक्ष्य हासिल करना चाहती हैं। भाकपा ने सभी वामपंथी एवं जनवादी शक्तियों का आह्वान कियाकि वे भाजपा की इन फासिस्टी कारगुजारियों का माकूल जबाव दें।
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