
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में शुक्रवार 26 दिसंबर को गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों को समर्पित ‘वीर बाल दिवस’ के अवसर पर आजादी का अमृत काल समिति एवं आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में श्रद्धा, सम्मान एवं राष्ट्रभावना के साथ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने की। इसके अतिरिक्त मुख्य तौर पर कुलसचिव डॉ. अश्विनी कुमार सिंह, आजादी का अमृत काल समिति की चेयरपर्सन एवं आईक्यूएसी डॉयरेक्टर प्रो. शिल्पी वर्मा एवं प्रॉक्टर प्रो. राम चंद्रा उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान साहिबजादा जोरावर सिंह जी और साहिबजादा फतेह सिंह जी के अद्वितीय साहस और सर्वोच्च बलिदान को स्मरण किया गया।
विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने अपने वक्तव्य में कहा कि मुग़ल काल में शत्रुओं ने कम उम्र के साहिबज़ादों तक को नहीं बख्शा। इसके बावजूद उन बालकों के भीतर त्याग, अदम्य साहस, सत्यनिष्ठा और बलिदान की अद्वितीय भावना विद्यमान थी। उस समय समाज में महिलाओं पर अत्याचार, जबरन धर्म परिवर्तन और धार्मिक असहिष्णुता जैसी गंभीर समस्याएँ व्याप्त थीं। मुग़ल साम्राज्य के भीषण अत्याचारों के परिणामस्वरूप गुरु गोविंद सिंह जी ने समाज और धर्म की रक्षा के लिए संघर्ष का मार्ग अपनाया और इसकी शुरुआत उन्होंने अपने परिवार से ही की।
साथ ही प्रो. शिल्पी वर्मा ने अपने संबोधन में साहिबजादों के बलिदान को भारतीय इतिहास का अमर अध्याय बताया।
इस अवसर पर फिल्म स्क्रीनिंग, विचार-गोष्ठी एवं संवाद सत्र का आयोजन किया गया, जिनके माध्यम से वीर बालकों के जीवन, त्याग और नैतिक मूल्यों से परिचित कराया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं में साहस, राष्ट्रभक्ति, आत्मसम्मान और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को सुदृढ़ करना था। साथ ही सभी शिक्षकों, कर्मचारियों ने वीर साहिबजादों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण, गैर शिक्षण कर्मचारी मौजूद रहे।
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