
नई दिल्ली। भारतीय रेल ने देश की रेल अवसंरचना को आधुनिक बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके तहत उत्तर पश्चिम रेलवे के अंतर्गत राई का बाग–फलोदी–जैसलमेर तथा लालगढ़–कोलायत–फलोदी रेल खंडों में व्यापक ट्रैक नवीनीकरण कार्य को स्वीकृति प्रदान की गई है। यह परियोजना ₹ 850 करोड़ की लागत से क्रियान्वित की जाएगी।रेलवे अधिकारियों के अनुसार यह प्रस्ताव दो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण रेल खंडों की ट्रैक संरचना को आधुनिक और मजबूत बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया था। इन खंडों पर वर्तमान में पुरानी रेल पटरियाँ और स्लीपर उपयोग में हैं, जिनका नवीनीकरण सुरक्षा, परिचालन क्षमता और दीर्घकालिक रखरखाव की दृष्टि से आवश्यक माना जा रहा है।परियोजना के तहत पहला खंड राई का बाग–फलोदी–जैसलमेर है, जिसकी कुल लंबाई 291.126 किलोमीटर है। इस मार्ग पर वर्तमान में स्थापित रेल पटरियों का रोलिंग मार्क वर्ष 2005 का है, जिन्हें 2006 में बिछाया गया था। लंबे समय से परिचालन में रहे इस ट्रैक के नवीनीकरण को रेलवे प्रशासन ने तकनीकी आवश्यकता के रूप में चिन्हित किया था, जिसके बाद विस्तृत सर्वेक्षण और आकलन के आधार पर यह प्रस्ताव तैयार किया गया।वहीं, दूसरा खंड लालगढ़ – कोलायत – फलोदी है, जिसकी कुल लंबाई 73.742 किलोमीटर है। इस खंड में उपयोग में लाई जा रही रेल पटरियों का रोलिंग मार्क 2004 से 2006 के बीच का है और इन्हें 2006–07 के दौरान बिछाया गया था। अधिकारियों के अनुसार दोनों ही खंडों पर ट्रैक संरचना की वर्तमान स्थिति को देखते हुए नवीनीकरण कार्य को प्राथमिकता सूची में शामिल किया गया था।इससे पहले वित्त विभाग ने इस परियोजना के लिए प्रति किलोमीटर ₹ 2.84 करोड़ की लागत को स्वीकृति प्रदान कर दी थी। अधिकारियों के अनुसार प्रस्तावित लागत और निर्धारित तकनीकी मानकों के आधार पर यह कार्य नियोजित समयसीमा के भीतर निष्पादित किया जाएगा।इस परियोजना के पूर्ण होने के बाद संबंधित मार्गों पर रेल परिचालन अधिक सुरक्षित, सुचारु और विश्वसनीय हो सकेगा, जिससे क्षेत्रीय संपर्क के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों को भी गति मिलने की मिलेगी।
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