
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : नेता सदन विधान परिषद, केशव प्रसाद मौर्य ने लेखपाल भर्ती के विज्ञापन और उसमें आरक्षण के प्रावधानों को लेकर सरकार का पक्ष पूरी स्पष्टता के साथ रखा है। आरक्षण नियमों के पालन और युवाओं के हितों की रक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
केशव प्रसाद मौर्य ने सदन को आश्वस्त किया कि लेखपाल भर्ती प्रक्रिया में संविधान सम्मत आरक्षण व्यवस्था का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अन्य पिछड़ा वर्ग-27 प्रतिशत, अनुसूचित जाति-21 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति-2 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग EWS -10 प्रतिशत के लिए निर्धारित कोटा पूरी तरह सुरक्षित है।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा जारी विज्ञापन में रिक्तियों का विवरण श्रेणीवार दिया गया है। भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाया गया है ताकि किसी भी स्तर पर विसंगति की गुंजाइश न रहे।
विपक्ष द्वारा उठाए गए आरक्षण संबंधी सवालों पर उन्होंने कहा कि सरकार सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर चलते हुए किसी भी वर्ग के साथ अन्याय नहीं होने देगी।
उन्होंने सदन में गरजते हुए कहा, कोई माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता। सदन में चर्चा के दौरान उन्होंने दिव्यांगजन एवं पूर्व सैनिक, इनके लिए भी सरकार के मानक नियमों के अनुसार पदों का आरक्षण रहेगा।
हमारी सरकार निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के लिए संकल्पित है। पिछली सरकारों के विपरीत, वर्तमान में नियुक्तियाँ योग्यता के आधार पर हो रही हैं और आरक्षण के साथ कोई खिलवाड़ स्वीकार्य नहीं है।
मौर्य ने विपक्ष के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि लेखपाल भर्ती पूरी तरह से विधिक राय लेने के बाद और आरक्षण नियमावली के आधार पर की जाएगी।
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