
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : विधानभवन में लखनऊ में चल रहे उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने सदन के समक्ष उत्तर प्रदेश सुगम्य व्यापार (प्रावधानों का संशोधन) अधिनियम 2025 प्रस्तुत किया।
इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश सुगम्य व्यापार (प्रावधानों का संशोधन) अधिनियम, 2025 प्रदेश के औद्योगिक विकास और निवेश प्रोत्साहन की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।
भारत सरकार द्वारा जन विश्वास (प्रावधान संशोधन अधिनियम) 2023 के अंतर्गत 42 केंद्रीय अधिनियमों में अपराधो को अपराध की श्रेणी से बाहर करने की शुरुआत की गई है। इसी क्रम में विभिन्न राज्यों (क्रमशः महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, त्रिपुरा, हरियाणा, ओडिशा, उत्तराखण्ड और कर्नाटक) द्वारा अपने-अपने राज्य में जन विश्वास अधिनियम पारित कर दंड के प्रावधानों को तार्किक और व्यापार-अनुकूल बनाया गया है।
उत्तर प्रदेश सुगम्य व्यापार (प्रावधानों का संशोधन) अधिनियम 2025 के अंतर्गत राज्य सूची के 10 अधिनियमों में सुधार किया गया है। इसके साथ ही 14 विभागों के 40 से अधिक प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर किया गया है। कारावास का प्रावधान केवल उन अपराधों के लिए रखा गया है, जो शारीरिक क्षति पहुँचाते हैं अथवा जीवन को संकट में डालते हैं।
अधिनियमों की सूची जिनमे प्रावधानों को संशोधित किया गया है इस प्रकार है-
- उत्तर प्रदेश गन्ना (आपूर्ति एवं क्रय का रेगुलेशन) अधिनियम, 1953
- उत्तर प्रदेश सिनेमा (रेगुलेशन) अधिनियम, 1955
- उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1959
- उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत अधिनियम, 1961
- उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम, 1976
- उत्तर प्रदेश मदिरा (आपत्तिजनक विज्ञापनों का नियंत्रण) अधिनियम, 1976
- उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम, 1976
- उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता, 2006
- उत्तर प्रदेश भू-जल (प्रबंधन एवं रेगुलेशन) अधिनियम, 2019
- उत्तर प्रदेश अग्निशमन एवं आपात सेवाएँ (निवारण) अधिनियम, 2022
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